इंदौर। ग्रीष्मकाल शुरू होते ही शहर के कई क्षेत्रों में जल संकट गहराने लगा है। पानी के लिए भटकते लोगों की तस्वीर आम होने लगी है। नगर निगम का यह दावा कि शहर में पर्याप्त जल वितरण किया जा रहा है झूठा नजर आने लगा है। नगर निगम टैंकरों के माध्यम से पानी की सप्लाई का दावा भी कर रहा है। यह व्यवस्था कितनी कारगर है यह तो समय ही बताएगा लेकिन फिलहाल नगर निगम द्वारा संचालित टैंकरों की संख्या 300 के पार पहुंच गई है। इनमें से सिर्फ 87 टैंकर ही नगर निगम के हैं। शेष टैंकर नगर निगम किराए पर लेता है। इसके एवज में एक मोटी रकम हर वर्ष खर्च की जा रही है। हर वर्ष गर्मी शुरू होते ही शहर में जल संकट गहराने लगता है। अमृत 2 प्रोजेक्ट के तहत पूरे शहर में पेयजल वितरण की लाइन बिछाई जा रही है। नई टंकियों का निर्माण भी किया गया है। निगम जल्द ही नर्मदा का चौथा चरण लाने का दावा भी कर रहा है। हालांकि ये सारे दावे और प्रयास भविष्य के गर्भ में हैं। फिलहाल स्थिति यह है कि इंदौर में तालाबों का जलस्तर कम होने लगा है। नगर निगम वर्षों से शहर में दो दिन में एक बार जल वितरण कर रहा है। कई क्षेत्रों से कम दबाव से पानी सप्लाई की शिकायतें भी मिलने लगी है। नर्मदा प्रोजेक्ट इंचार्ज संजीव श्रीवास्तव के मुताबिक शहर में जिन क्षेत्रों में जल संकट की समस्या सामने आ रही है वहां टैंकरों के माध्यम से जल वितरण किया जा रहा है। फिलहाल टैंकरों की संख्या 300 के आसपास है। जरूरत पड़ने पर टैंकरों की संख्या बढ़ाई जाएगी।
गर्मी शुरू होते ही गहराने लगा जल संकट
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- Post author:jantantra_admin
- Post published:April 9, 2024
- Post category:मध्य प्रदेश
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