महाकालेश्वर मंदिर समिति को भेंट और दान में मिले वाहनों का मनमाना संचालन

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उज्जैन। श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए भगवान महाकालेश्वर के भक्तों द्वारा अनेक सामग्री और संसाधन मंदिर समिति को भेंट किए जाते है,लेकिन इनका उचित उपयोग नहीं होता है। समिति के कुप्रबंधन का ऐसा ही एक मामला सामने आया है। इसमें आपातकालीन स्थिति में उपयोग के लिए दी गई एम्बुलेंस वॉटर कैन लाने-ले जाने में किया जा रहा है। महाकालेश्वर के श्रद्धालुओं को महाकाल मंदिर और महाकाल-महालोक के आसपास पेयजल उपलब्ध कराने के लिए कैन रखी जाती है। इसके लिए स्थान तय है। भरी और खाली कैन को निर्धारित स्थान से लाने- ले जाने के लिए एम्बुलेंस का उपयोग किया जा रहा है,जबकि मंदिर समिति के पास ई-रिक्क्षा सहित अन्य वाहन भी है। एम्बुलेंस तो एक बैंक द्वारा आपातकालीन स्थिति में उपयोग के लिए महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति को भेंट की गई थी।

महाकालेश्वर मंदिर में दानदाता कंपनी के सहयोग से स्थापित आरओ प्लांट भी है। इसके बाद भी मंदिर प्रबंध समिति मंदिर परिसर के बाहरी हिस्सों में श्रद्धालुओं को पीने का पानी कैन में उपलब्ध कराती है। इन कैन की सप्लाय भी अन्य स्थान से हो रही है। श्रद्धालुओं को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध हो सके इसके लिए माइलन लैबोरेट्रीज लिमिटेड पीथमपुर के सहयोग से महाकालेश्वर मंदिर में १.११ करोड़ रु की लागत सेे आरओ वॉटर सिस्टम स्थापित किया गया था। समिति ने उस वक्त दावा किया था कि सभी श्रद्धालुओं को आरओ वाटर मिलेगा, जबकि प्लांट कनेक्टिविटी हर स्थान पर नहीं है। प्लांट से पानी केवल महाकालेश्वर मंदिर और महाकाल लोक के भवन में है। शेष स्थानों पर तो पानी के लिए वॉटर कैन का उपयोग किया जा रहा है। बीते कुछ वर्षों में महाकालेश्वर के भक्तों द्वारा आपातकालीन स्थिति में उपयोग के लिए वाहन भेंट किए थे। एक समाजसेवी संस्था द्वारा तो शव वाहिनी (बस) मंदिर प्रबंध समिति को भेंट की थी। वाहनों के संचालन-संधारण में दिक्कतों का हवाला देकर कुछ अधिकारियों के दबाव में सभी वाहन नगर निगम को सौंप दिए गए थे। इन वाहनों की स्थिति क्या है किसी को पता नहीं।

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