जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
आज प्रयागराज महाकुंभ में एक ऐतिहासिक और भव्य दिन है! तीन प्रमुख अखाड़े—श्री निर्वाणी अनी अखाड़ा, श्री निर्मोही अनी अखाड़ा, और श्री दिगंबर अनी अखाड़ा—एक साथ अपनी पेशवाई यानी छावनी प्रवेश शोभायात्रा लेकर महाकुंभ में प्रवेश कर रहे हैं। यह शोभायात्रा मेडिकल कॉलेज चौराहे से शुरू होकर करीब 3 किलोमीटर की दूरी तय करके महाकुंभ मेले में पहुंचेगी।
यात्रा में सबसे आगे संत चल रहे हैं, उनके हाथ में अखाड़े की धर्म ध्वजा है। धर्म ध्वजा पर अखाड़े के ईष्ट हनुमानजी विराजमान हैं। इस भव्य यात्रा में करीब 10 हजार साधु-संत शामिल हैं, जो हाथी, घोड़े, ऊंट और रथ पर सवार होकर चल रहे हैं। रास्ते में वे अपने करतब भी दिखा रहे हैं। कुछ संत तलवारें लहरा रहे हैं, तो कुछ हनुमानजी की गदा के साथ शक्ति का प्रतीक बना रहे हैं।
आपको बता दें, प्रयागराज के महाकुंभ में अब तक कुल 7 अखाड़ों की पेशवाई हो चुकी है, जिसमें 6 जनवरी को तपोनिधि श्री पंचायती आनंद अखाड़े की पेशवाई, 4 जनवरी को निरंजनी अखाड़े की पेशवाई और 2 जनवरी को श्री पंचायत महानिर्वाणी अखाड़े की पेशवाई ने भव्यता से मेला क्षेत्र में प्रवेश किया।
इसके अलावा 1 जनवरी को चौथे अखाड़े की पेशवाई, 26 दिसंबर को श्रीपंच अग्नि अखाड़े का छावनी प्रवेश, 22 दिसंबर को पंचदशनाम आह्वान अखाड़े की पेशवाई और 13 दिसंबर को श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े का छावनी प्रवेश तथा किन्नर अखाड़े की देवत्व यात्रा भी हो चुकी है।
वहीं, अब 3 और अखाड़े प्रवेश कर रहे हैं। इन सभी पेशवाइयों ने महाकुंभ के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को और भी बढ़ा दिया है।