Mahakumbh 2025: महंत महाकाल गिरी की अद्भुत तपस्या, 9 साल से एक हाथ ऊपर उठाकर कर रहे साधना

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

महाकुंभ 2025 एक ऐसा अद्भुत आयोजन है, जहां हर कदम पर आस्था और साधना की गहरी मिसालें देखने को मिलती हैं। इस बार महाकुंभ में पहुंचे एक नागा संन्यासी की तपस्या ने सभी को चौंका दिया है।

ये नागा संन्यासी महंत महाकाल गिरी हैं, जिन्होंने पिछले 9 साल से एक हाथ को ऊपर उठाकर, एक अकल्पनीय तपस्या की है। उनकी साधना का स्तर इतना गहरा है कि उनका एक हाथ अब तक आकाश की ओर खड़ा है।

महंत महाकाल गिरी का यह हठयोग न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक शक्ति का भी प्रतीक है। उनकी साधना का स्तर इतना गहरा है कि उनके हाथ में रक्त संचार कम हो गया है, और उनकी उंगलियों के नाखून कई इंच लंबे हो गए हैं। लेकिन इसका असर उनकी साधना पर नहीं पड़ा। वे हर काम एक हाथ से करते हैं। महाकुंभ में आए श्रद्धालु उनकी साधना और समर्पण को देखकर आश्चर्यचकित हैं।

उनकी इस साधना के पीछे एक गहरा और पवित्र संकल्प है – धर्म की स्थापना, गौहत्या पर रोक, और पशु-पक्षियों का संरक्षण। यही उनके जीवन का उद्देश्य भी है। महंत महाकाल गिरी का कहना है कि गुरु के आशीर्वाद से उनका संकल्प अब भी जारी है, और वे जीवनभर इसी तरह एक हाथ ऊपर उठाकर साधना करते रहेंगे। वे एक हाथ से धूनी पर रोटी भी बना लेते हैं और हर काम में आत्मनिर्भर रहते हैं।

महाकुंभ 2025 में महंत महाकाल गिरी की तपस्या एक गहरी प्रेरणा बनकर सामने आई है। यह साधना हमें आस्था, समर्पण, और संकल्प की शक्ति से परिचित कराती है।

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