देश ने खोया एक कर्तव्यनिष्ठ आईपीएस अधिकारी, IPS मनीष शंकर शर्मा का असमय निधन; पुलिस महकमे में शोक की लहर, CM ने जताया दुःख

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

देश के सम्मानित आईपीएस अधिकारी और स्पेशल डीजी रेल मनीष शंकर शर्मा का असमय निधन हो गया है। यह ख़बर न सिर्फ पुलिस महकमे बल्कि पूरे प्रदेश के लिए स्तब्ध कर देने वाली है।

बता दें, स्पेशल डीजी रेल और पूर्व मुख्य सचिव कृपाशंकर शर्मा के बेटे मनीष शंकर शर्मा इलाज के लिए दिल्ली गए थे, जहां उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली। यह खबर सुनते ही उनके परिजनों, मित्रों और सहयोगियों में शोक की लहर दौड़ गई। आज सुबह उनकी पार्थिव देह भोपाल पंहुचा, जहां ई-5 स्थित निवास पर उन्हें अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है। आज ही पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

मनीष शंकर शर्मा का असमय निधन पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दुःख जताया। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर लिखा, “मध्यप्रदेश के विशेष पुलिस महानिदेशक, रेल श्री मनीष शंकर शर्मा जी के असामयिक निधन का समाचार अत्यंत दुःखद है। पुलिस सेवा में तत्पर्य एक निष्ठावान, कर्तव्यनिष्ठ और समर्पित अधिकारी का असमय चले जाना निश्चित ही प्रदेश और समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है। ईश्वर दिवंगत पुण्यात्मा को शांति प्रदान करें और शोकाकुल परिवारजनों को यह गहन दुःख सहन करने की शक्ति दें, यही प्रार्थना करता हूँ। विनम्र श्रद्धांजलि! ॐ शांति!”

कर्तव्यनिष्ठा और साहस की मिसाल थे मनीष शंकर शर्मा

1992 बैच के आईपीएस अधिकारी मनीष शंकर शर्मा का करियर उपलब्धियों से भरा रहा। उन्होंने मध्यप्रदेश पुलिस में कई महत्वपूर्ण पदों पर सेवाएं दीं और अपनी कार्यशैली से खुद को एक कड़क, लेकिन संवेदनशील अधिकारी के रूप में स्थापित किया।

उनकी काबिलियत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वर्ष 1997-98 में उन्हें संयुक्त राष्ट्र मिशन के तहत बोस्निया और हर्जेगोविना में तैनाती दी गई। वहां उन्होंने स्थानीय पुलिस अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की प्रतिष्ठा बढ़ाई।

उनकी सेवाओं को देखते हुए उन्हें एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया का सुरक्षा निदेशक और टी-बोर्ड ऑफ इंडिया का निदेशक नियुक्त किया गया। यह उनकी सुरक्षा प्रबंधन और प्रशासनिक क्षमता का प्रमाण था।

अमेरिका ने भी किया था सम्मानित – ‘मनीष शंकर शर्मा दिवस’ की घोषणा

उनकी योग्यता और प्रशासनिक दक्षता सिर्फ भारत तक सीमित नहीं रही। अमेरिका के कैलिफोर्निया राज्य के सैन डिएगो शहर में उन्हें विशेष पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।इतना ही नहीं, सैन डिएगो के महापौर केविन एल. फॉकनर ने 20 जुलाई को ‘मनीष शंकर शर्मा दिवस’ घोषित कर उन्हें अमर कर दिया। यह किसी भी भारतीय अधिकारी के लिए अत्यंत गौरव की बात थी। इसके अलावा, उन्हें यूएस हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स द्वारा ‘स्पेशल कांग्रेशनल रिकग्निशन सर्टिफिकेट’ भी प्रदान किया गया।

उनका असामयिक निधन पुलिस विभाग के लिए एक अपूरणीय क्षति है। मूल रूप से नर्मदापुरम के रहने वाले मनीष शंकर शर्मा ने मध्यप्रदेश के रायसेन, सतना, छिंदवाड़ा और खंडवा जैसे महत्वपूर्ण जिलों में एसपी के रूप में भी अपनी सेवाएं दीं।

उनके चाचा डॉ. सीताशरण शर्मा, जो पूर्व विधानसभा अध्यक्ष भी रहे हैं, ने इस दुखद समाचार पर गहरा शोक व्यक्त किया है। परिवार, मित्रों और सहयोगियों के लिए यह एक भावनात्मक क्षति है।

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