दमोह फर्जी डॉक्टर कांड: सात मौतों के बाद हड़कंप, CM मोहन यादव सख्त; कहा – पूरे प्रदेश में फर्जी डॉक्टरों की पहचान कर की जाएगी कड़ी कार्रवाई

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

दमोह में सामने आए फर्जी डॉक्टर कांड ने पूरे मध्य प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। एक ऐसा नकली डॉक्टर, जिसने हार्ट सर्जरी जैसी संवेदनशील प्रक्रिया को अंजाम दिया… और नतीजा? सात मासूम लोगों की मौत! मौतों की यह भयावह गिनती सिर्फ आंकड़े नहीं, बल्कि एक जिंदा सिस्टम की बेहोशी की गवाही है।

इस दर्दनाक घटना के बाद प्रदेश में गुस्से और सन्नाटे का तूफान एक साथ उठ खड़ा हुआ। अस्पताल में ऑपरेशन की टेबल पर तड़पते मरीजों की चीखें अब राजनीतिक गलियारों तक पहुंच चुकी हैं। कांग्रेस की सोशल मीडिया सेल की चेयरपर्सन सुप्रिया श्रीनेत ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर सीधे सत्तारूढ़ बीजेपी पर हमला बोलते हुए पूछा,
“क्या सरकार जानती थी कि ये आदमी फर्जी है? फिर क्यों उसे लोगों की जान से खेलने दिया गया? कौन देगा इन सात जानों का जवाब?” 

इधर मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मोर्चा संभाला और सख्त तेवर दिखाते हुए घोषणा की —

“प्रदेश में फर्जी डॉक्टरों की कोई जगह नहीं! जो भी ऐसे अपराधी पकड़े जाएंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मैंने हेल्थ डिपार्टमेंट को निर्देश दे दिए हैं – तुरंत एक्शन लो!”

अब सरकार ने राज्यव्यापी अभियान की घोषणा की है। पूरे प्रदेश में छानबीन शुरू हो गई है – कौन है असली डॉक्टर, कौन है झोलाछाप? कौन कर रहा है सेवा, और कौन ले रहा है जान?

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने तुरंत एक्शन लेते हुए पूरे प्रदेश में फर्जी डॉक्टरों की पहचान और उन पर कड़ी कार्रवाई के आदेश जारी कर दिए। उन्होंने कहा, “दमोह की घटना बहुत ही दुखद है और राज्य सरकार इसे बहुत गंभीरता से ले रही है। मैंने स्वास्थ्य विभाग को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि प्रदेशभर में ऐसे फर्जी डॉक्टरों की पहचान की जाए और उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।”

मुख्यमंत्री ने मीडिया से बात करते हुए दोहराया कि उनकी सरकार किसी भी गैर-कानूनी चिकित्सा कार्य को बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने चेताया कि यदि प्रदेश के किसी भी कोने में फर्जी डॉक्टर्स पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ तत्काल और कठोर कार्रवाई की जाएगी।

वहीं, दमोह के मिशन अस्पताल में जो कुछ हुआ, उसने पूरे स्वास्थ्य विभाग को कटघरे में खड़ा कर दिया है। अब जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMHO) से लेकर राजधानी भोपाल में बैठे स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारी तक इस मामले में जवाबदेही के घेरे में हैं। घटना उजागर होने के बाद जिला प्रशासन हरकत में आया और CMHO ने आरोपी डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई।

गौरतलब है की दमोह के मिशन अस्पताल में फर्जी डॉक्टर नरेंद्र यादव ने खुद को लंदन के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. एनजोन केम बताकर ढाई महीने में 15 हार्ट सर्जरी की, जिनमें 7 मरीजों की मौत हो गई। सीएमएचओ और डीएचओ की जांच में फिलहाल 2 मौतों की पुष्टि हुई है। जिसके बाद सीएमएचओ डॉ एम.के. जैन ने देर रात कोतवाली थाने में आरोपी के खिलाफ FIR दर्ज कराई।  कोतवाली थाना में दर्ज एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि कार्डियोलॉजिस्ट डॉ एन जान केम मिशन अस्पताल में बीते महीने में हुई मौतों के लिए जिम्मेदार हैं। जांच में पता चला कि सर्जरी करने वाला डॉक्टर एन. जान केम फर्जी है, जिसका असली नाम नरेंद्र विक्रमादित्य यादव है। वह ब्रिटेन के एक प्रसिद्ध कार्डियोलॉजिस्ट के नाम का झूठा इस्तेमाल कर रहा था। ना तो मध्य प्रदेश में उसका मेडिकल रजिस्ट्रेशन था, और ना ही आंध्र प्रदेश में। उसने फर्जी डॉक्युमेंट्स के ज़रिए अस्पताल में नौकरी की और गंभीर सर्जरी भी कीं। चौंकाने वाली बात: आरोपी नरेंद्र यादव के खिलाफ हैदराबाद में भी आपराधिक मामले दर्ज हैं। डॉ. नरेंद्र यादव मामला सामने आते ही फरार हो गया। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने इसे गंभीर माना है और जांच टीम भेजने की बात कही है।

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