जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश की जैव विविधता से भरपूर धरती पर स्थित 11 नेशनल पार्क और कई टाइगर रिजर्व अब पर्यटकों की जेब पर अतिरिक्त भार डालने वाले हैं। राज्य सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए 1 अक्टूबर 2025 से सभी संरक्षित क्षेत्रों में प्रवेश शुल्क में 10% की बढ़ोतरी करने का निर्णय लिया है। ये बढ़ोतरी प्रदेश के सभी नेशनल पार्क और टाइगर रिजर्व में लागू होगी। इतना ही नहीं, विदेशी पर्यटकों को अब भारतीय पर्यटकों की तुलना में दो गुना टिकट फीस चुकानी होगी।
फिलहाल प्रदेश में सोमवार से शुक्रवार तक छह लोगों के लिए प्रवेश शुल्क ₹2400 और शनिवार-रविवार को ₹3000 है, जिसमें 1 अक्टूबर से क्रमशः ₹240 और ₹300 की अतिरिक्त बढ़ोतरी होगी। गौरतलब है कि यह राशि सिर्फ प्रवेश टिकट की है, इसमें जिप्सी किराया शामिल नहीं है, जो अलग से ₹2000 से ₹3500 तक देना होता है।
यह फैसला सरकार की उस अधिसूचना के तहत लिया गया है जो 22 अक्टूबर 2024 को जारी हुई थी। अधिसूचना में स्पष्ट किया गया था कि हर तीन साल में संरक्षित क्षेत्रों की प्रवेश दरों में 10 प्रतिशत की वृद्धि की जाएगी। अब यह नियम 2025-26 से लागू हो रहा है, जिससे टूरिज्म इंडस्ट्री और पर्यटकों में हलचल है।
मानसून में तीन महीने पार्क रहेंगे बंद
पर्यटकों को यह भी जान लेना जरूरी है कि 1 जुलाई से 30 सितंबर तक प्रदेश के सभी राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिजर्व मानसून और ब्रीडिंग सीजन के चलते बंद रहेंगे। यह तीन महीने का समय वन्य जीवों के प्रजनन और पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने के लिए अहम माना जाता है।
बांधवगढ़ बना विदेशी सैलानियों की पहली पसंद
बता दें, अकेले बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बीते 5 वर्षों में 738637 भारतीय और 85742 विदेशी पर्यटक पहुंचे हैं। वर्ष 2024-25 में मई तक ही यहां 32,528 विदेशी पर्यटक आ चुके हैं, जो पिछले सभी वर्षों की तुलना में सर्वाधिक है। कोरोना काल में 2020-21 में सिर्फ 109 विदेशी पर्यटक आए थे, जबकि 2023-24 में यह आंकड़ा 25,894 था।
61 करोड़ की आय टाइगर टूरिज्म से
पिछले 5 वर्षों में मध्यप्रदेश के टाइगर रिजर्वों ने कुल 61 करोड़ 22 लाख रुपए की आय अर्जित की है:
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2020-21: ₹4.65 करोड़
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2021-22: ₹11.88 करोड़
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2022-23: ₹13.90 करोड़
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2023-24: ₹14.10 करोड़
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2024-25 (मई तक): ₹16.67 करोड़