दिल्ली में फिर गिरी चार मंजिला इमारत: वेलकम इलाके में मची तबाही, 2 की मौत; 1 साल का बच्चा समेत 8 घायल, लोगों ने बचाई जान!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

देश की राजधानी दिल्ली एक बार फिर इमारत गिरने की दर्दनाक और डराने वाली घटना की गवाह बनी। शनिवार सुबह वेलकम इलाके की जनता कॉलोनी, गली नंबर 5 में एक चार मंजिला पुरानी इमारत भरभराकर गिर गई। इस हादसे में दो लोगों की मौत हो गई, जबकि एक साल के मासूम समेत आठ लोग घायल हो गए। हादसे के वक्त इमारत में 10 लोगों का एक ही परिवार रह रहा था, जो अचानक मौत और मलबे के साए में समा गया।

हादसे के वक्त लोग सुबह की सैर पर निकले हुए थे। जैसे ही उन्होंने चीख-पुकार सुनी, तुरंत बिना देरी किए लोगों को मलबे से निकालने में जुट गए। स्थानीय लोगों ने बताया कि फायर ब्रिगेड और NDRF की टीमों के आने से पहले ही उन्होंने खुद जान हथेली पर रखकर रेस्क्यू शुरू किया। बाद में दमकल विभाग, पुलिस, सिविल डिफेंस और एनडीआरएफ की टीमों ने रेस्क्यू ऑपरेशन तेज़ किया और मलबे में दबे लोगों को बाहर निकाला।

इसी गली में रहने वाले अनीस अहमद अंसारी ने बताया कि जब सुबह का वक्त था और सब अपने-अपने रोज़ के काम में लगे थे, तभी एक जोरदार आवाज़ आई। अनीस ने कहा— “जैसे ही इमारत ढही, उसका सारा मलबा हमारे घर पर आ गिरा। हम खुद अंदर फंस गए, मैं भी गंभीर रूप से घायल हो गया।” अनीस की बात सुनकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि हादसा कितना भीषण था।

हादसे के वक्त की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पड़ोसी रेयान ने कहा— “हमें लगा जैसे भूकंप आया हो। पूरा घर हिल गया। बाहर निकलकर देखा तो पड़ोस की पूरी इमारत मलबे में तब्दील हो चुकी थी।” मोहल्ले में अब भी चार से पांच इमारतों की स्थिति बेहद नाजुक बताई जा रही है।

नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली के एडिशनल DCP संदीप लांबा ने बताया कि मौके पर बचाव कार्य लगातार चल रहा है। “हमारे साथ पुलिस बल, NDRF, सिविल डिफेंस और स्थानीय लोग भी पूरी ताकत से लगे हुए हैं।” स्थानीय निवासी सलीम अली ने हादसे की जड़ में प्रशासन की लापरवाही बताते हुए कहा कि— “सीवर का गंदा पानी सालों से इन इमारतों की दीवारों में रिस रहा है, जिससे दीवारें कमजोर हो गई हैं। कई इमारतें दरारों से भरी हुई हैं। लेकिन कोई जांच या कार्रवाई नहीं होती।”

दिल्ली का यह हादसा अप्रैल में मुस्तफाबाद में हुए भयावह बिल्डिंग ढहने की घटना की याद दिला गया, जिसमें 11 लोगों की जान गई थी। उस हादसे में भी चार मंजिला इमारत ढही थी और पूरा मलबा पैनकेक कोलैप्स की तरह एक के ऊपर एक गिर गया था। एनडीआरएफ के DIG मोहसिन शाहिदी ने कहा था कि ऐसी घटनाएं सबसे खतरनाक होती हैं, क्योंकि इनमें किसी के बचने की संभावना बेहद कम होती है। आज का हादसा भी ठीक उसी पैटर्न पर हुआ है।

 

  

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