जयपुर में बम की धमकी से हड़कंप: सीएम ऑफिस और एयरपोर्ट बने टारगेट, बम स्क्वॉड और इंटेलिजेंस अलर्ट पर!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

राजस्थान की राजधानी जयपुर में शनिवार सुबह एक ईमेल ने पूरे सुरक्षा तंत्र को हिला कर रख दिया। जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट की आधिकारिक ईमेल आईडी पर एक मेल आया, जिसमें साफ लिखा गया – “एक से दो घंटे के भीतर मुख्यमंत्री कार्यालय और एयरपोर्ट को बम से उड़ा दिया जाएगा।” इस एक लाइन ने पुलिस, बम स्क्वॉड, फायर ब्रिगेड, इंटेलिजेंस और सिविल डिफेंस को अलर्ट मोड पर ला दिया।

तत्काल सीएम ऑफिस और एयरपोर्ट पर सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया गया। करीब डेढ़ घंटे चली जांच के दौरान एयरपोर्ट और सचिवालय परिसर की हर दीवार, हर कोना खंगाला गया, लेकिन कहीं कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली।

हालांकि जांच में कुछ नहीं मिला, लेकिन पुलिस और इंटेलिजेंस एजेंसियों ने इस घटना को हल्के में नहीं लिया है। जयपुर सचिवालय में अतिरिक्त सुरक्षा बल बुलाया गया। सीनियर पुलिस अफसर भी मौके पर पहुंचे और हालात पर नजर बनाए रहे। शनिवार को छुट्टी होने की वजह से सचिवालय में आम दिनों की तुलना में भीड़ कम थी, लेकिन मौजूद कर्मचारियों को भी तुरंत बाहर निकाल दिया गया।

पुराने पैटर्न पर नया वार?

यह पहली बार नहीं है जब जयपुर को इस तरह की ईमेल धमकियां मिली हों। बीते कुछ महीनों में राजधानी में बम ब्लास्ट की कई झूठी धमकियां दी जा चुकी हैं – कभी स्कूलों को, तो कभी कोर्ट, मेट्रो स्टेशन, स्टेडियम और मॉल को।

महज पांच दिन पहले ही MGPS स्कूल को बम से उड़ाने की धमकी दी गई थी, जिसके बाद 3500 बच्चों को तत्काल बाहर निकाला गया था। मई और जून 2024 में भी ऐसी कई धमकियों ने जयपुर पुलिस को सक्रिय रखा। 13 मई को जयपुर ब्लास्ट की बरसी के दिन तो एक साथ 56 स्कूलों को मेल भेजे गए थे – “बम कभी भी फट सकता है, आप जलकर राख हो जाओगे।”

विशेष बात ये है कि इन अधिकतर धमकी मेल्स में रूस स्थित मेल सर्वर का इस्तेमाल किया गया है। instrumenttt@inbox.ru और awariim@mail.ru जैसी ईमेल आईडी से मेल भेजे गए थे। दिल्ली और जयपुर के स्कूलों को धमकाने के लिए भी यही ट्रेंड देखा गया था।

डर फैलाना है असली मकसद

साइबर एक्सपर्ट्स की मानें तो धमकी देने वालों का मकसद असली बम ब्लास्ट करना नहीं, बल्कि अफरातफरी, डर और अव्यवस्था फैलाना होता है। ये मेल्स मानसिक आतंक पैदा करने का एक तरीका हैं – ताकि आम लोग खुद को असुरक्षित महसूस करें और सरकार, प्रशासन पर भरोसा कम हो।

पुलिस के एक वरिष्ठ अफसर के मुताबिक, “भले ही ये ईमेल फर्जी निकले हों, लेकिन इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। हर मेल की तह तक जाना हमारी जिम्मेदारी है। पिछली घटनाओं को देखते हुए हर अलर्ट को वास्तविक मानकर जांच करना अनिवार्य है।”

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