अब डिजीलॉकर में मिलेंगे हाउसिंग बोर्ड के दस्तावेज़: MP में डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन की बड़ी पहल, 80 लाख प्रॉपर्टी दस्तावेजों का डिजिटलीकरण पूरा; अब घर बैठे मिलेंगे रजिस्ट्रेशन और लीज पेपर्स!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

मध्यप्रदेश हाउसिंग बोर्ड ने आवंटियों की सुविधा और दस्तावेजों की सुरक्षा के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। अब राज्य के हज़ारों लोगों की प्रॉपर्टी से जुड़े अहम दस्तावेज डिजीलॉकर पर भी उपलब्ध होंगे। डिजिटल इंडिया की दिशा में यह प्रयास न सिर्फ पारदर्शिता को बढ़ावा देगा, बल्कि दशकों पुराने दस्तावेजों की उपलब्धता को भी बेहद आसान बना देगा।

दरअसल, हाउसिंग बोर्ड ने करीब 80 लाख प्रॉपर्टी दस्तावेजों और नस्तियों को डिजिटाइज़ करने का काम पूरा कर लिया है। इन दस्तावेजों को आठ महीनों तक लगातार स्कैन करके एक सुरक्षित डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाया गया है। अब तक 75 हजार से अधिक आवंटियों के दस्तावेज डिजीलॉकर पर अपलोड किए जा चुके हैं और अन्य शेष आवंटियों के लिए भी यह प्रक्रिया तेजी से चल रही है।

हाउसिंग बोर्ड के डिप्टी कमिश्नर और चीफ आईटी ऑफिसर एम.के. साहू ने बताया कि यह पूरी प्रक्रिया तकनीकी दृष्टिकोण से बेहद जटिल थी, लेकिन टीम ने दिन-रात मेहनत कर इसे संभव बनाया। इसके तहत प्रॉपर्टी से जुड़े रजिस्ट्रेशन पेपर्स, लीज एग्रीमेंट्स, पेमेंट रसीदें और अन्य अहम कागजातों को स्कैन कर डिजीलॉकर और हाउसिंग बोर्ड की वेबसाइट पर सुरक्षित किया गया है।

इस पहल के बाद अब किसी आवंटी को अपने दस्तावेज देखने या डाउनलोड करने के लिए बोर्ड के दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। केवल अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से डिजीलॉकर में लॉगइन करके वे अपने सभी दस्तावेज देख सकते हैं। यह सुविधा खासकर उन मामलों में बेहद उपयोगी होगी, जब किसी प्राकृतिक आपदा, आग लगने या चोरी जैसी घटनाओं में दस्तावेजों के नष्ट हो जाने की आशंका रहती है।

इतना ही नहीं, 30-40 साल पुराने दस्तावेज भी अब ऑनलाइन उपलब्ध हो चुके हैं। यानी, दशकों पुरानी प्रॉपर्टी की जानकारी आज के डिजिटल युग में भी चंद क्लिक में पाई जा सकती है। इससे ना केवल कानूनी विवादों में दस्तावेज जुटाने की जद्दोजहद से राहत मिलेगी, बल्कि नामांतरण, हस्तांतरण जैसी प्रक्रियाएं भी पहले की तुलना में सरल और पारदर्शी होंगी।

हाउसिंग बोर्ड की वेबसाइट पर उपलब्ध यह सुविधा पूरी तरह ऑटोमैटिक है। हर लेन-देन का विवरण एसएमएस अलर्ट के माध्यम से आवंटी को भेजा जाता है और सभी पेमेंट्स का विवरण डिजिटल रूप से रेकॉर्ड होता है। बोर्ड की सभी 15 सेवाएं जैसे नामांतरण, एनओसी, संपत्ति हस्तांतरण आदि अब पूरी तरह ऑनलाइन हो चुकी हैं।

बोर्ड के कमिश्नर डॉ. राहुल हरिदास फटिंग ने इस डिजिटलाइजेशन के महत्व पर ज़ोर देते हुए कहा कि हमारा मकसद है कि हर आवंटी को अपने दस्तावेजों तक आसान पहुंच मिले और वे हमेशा सुरक्षित रहें। यह कदम आवंटियों को न केवल सुविधा देगा बल्कि मध्यप्रदेश हाउसिंग बोर्ड की पारदर्शिता और विश्वसनीयता को भी मजबूत बनाएगा।

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