जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
सीहोर के प्रसिद्ध कुबेरेश्वर धाम में आज एक बार फिर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा आयोजित भव्य कांवड़ यात्रा में देशभर से आए करीब ढाई लाख श्रद्धालु शामिल हुए। यह यात्रा सीवन नदी के पवित्र तट से शुरू हुई और पूरे शहर में श्रद्धा और भक्ति का वातावरण छा गया। हालांकि इस महाआयोजन की चमक उस वक्त थोड़ी फीकी पड़ गई, जब भीड़ में दबने से दो महिलाओं की मौत की खबर सामने आई।
श्रावण मास में शिवभक्ति का महायज्ञ
पंडित प्रदीप मिश्रा ने कांवड़ यात्रा की शुरुआत से पहले श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि श्रावण मास में भगवान शिव और माता पार्वती स्वयं पृथ्वी पर निवास करते हैं, और इस माह में किया गया पूजन, उपवास व सेवा विशेष फलदायी होता है। उन्होंने इसे कलयुग में शिव युग की वापसी का प्रतीक बताया। यात्रा के दौरान भगवान शिव पर कांवड़ जल अर्पित करने के महत्व को भी विस्तार से समझाया गया।
मंगलवार रात से ही इंदौर-भोपाल हाईवे पर लंबा जाम लगा हुआ है, जो बुधवार सुबह तक बना रहा। कई वाहन रात 4 बजे से जाम में फंसे रहे और सुबह 7 बजे तक भी निकल नहीं पाए। डायवर्जन रूट पर भी ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रही। स्थानीय लोगों ने बताया कि किसी भी रास्ते पर पुलिस की कोई व्यवस्था नजर नहीं आई, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
कुबेरेश्वर धाम में मंगलवार को हुई भीड़ में भगदड़ जैसी स्थिति के चलते दो महिलाओं की मौत ने आयोजन की व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस हादसे पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक उषा ठाकुर ने कहा कि प्रशासन अपनी क्षमता अनुसार काम कर रहा है, लेकिन अनुशासन की जिम्मेदारी कथावाचकों की भी है। उन्होंने सुझाव दिया कि भविष्य में जिलावार बुलावे की व्यवस्था की जाए ताकि भीड़ नियंत्रण में रहे और ऐसे हादसे दोहराए न जाएं।
कांवड़ यात्रा का आयोजन अपने सांस्कृतिक वैभव और धार्मिक उल्लास के लिए भी चर्चा में रहा। यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं के लिए 300 से अधिक सेवा पंडाल लगाए गए हैं, जहां नाश्ता, जल, विश्राम और दवा की सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। यात्रा मार्ग पर हर मोड़ पर भोजन और विश्राम की व्यवस्था की गई है।
ढोल, डीजे और झांकियों से गूंज उठा सीहोर
भक्ति के इस महासंगम में 100 से ज्यादा ढोल-नगाड़े, भव्य झांकियां, और देशभर से आए DJ बैंड शामिल हुए। झारखंड, यूपी, दिल्ली, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और गुजरात से विशेष DJ टीमें आमंत्रित की गईं, जिनमें झारखंड का सार्जन डीजे, यूपी का रावण डीजे, दिल्ली का कसाना डीजे, महाराष्ट्र का प्रशांत डीजे और इंदौर का श्याम बैंड प्रमुख रहे।
एक महिला श्रद्धालु ने बताया, “हम 7-8 लोग इस यात्रा में आए हैं। भीड़ इतनी है कि पैर रखने की जगह नहीं, सांस लेना भी मुश्किल, लेकिन कुबेरेश्वर धाम के दर्शन कर संतोष मिला।” यात्रा मार्ग पर कई लोग भक्तिमय दृश्य देखने के लिए पेड़ों पर चढ़ गए, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि यह आयोजन श्रद्धा और उत्साह का अद्वितीय संगम बन चुका है।
प्रशासन की डायवर्जन व्यवस्था और अपील
सीहोर प्रशासन ने यात्रा को ध्यान में रखते हुए यातायात व्यवस्था में बदलाव किया है। भोपाल से आने वाले भारी वाहन अब परवलिया के मुबारकपुर जोड़ और खजूरी के तुमड़ा जोड़ से शाजापुर होते हुए डायवर्ट किए गए हैं। इसी तरह इंदौर, देवास और उज्जैन से भोपाल आने वाले वाहन आष्टा-अमलाहा-भाऊखेड़ी मार्ग से भेजे जा रहे हैं। यह डायवर्जन देर रात तक प्रभावी रहेगा।