जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
भोपाल के अन्ना नगर इलाके में बीते रविवार रात एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जिसने न केवल स्थानीय लोगों को, बल्कि पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया। एक 35 वर्षीय महिला कांति प्रजापति की आरोपियों द्वारा गर्म तेल डालकर निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई। मृतका के परिवार ने जहां पुलिस की लापरवाही और असंवेदनशीलता पर गंभीर आरोप लगाए हैं, वहीं यह मामला अब प्रशासनिक लचरता और अतिक्रमण विवाद की भयावह परिणति के रूप में उभर कर सामने आया है।
बेटे को पीटने पहुंचे थे आरोपी, मां बचाने आई तो कर दी बर्बरता
घटना के प्रत्यक्षदर्शियों और मृतका के परिवार के मुताबिक, आरोपियों — कमलेश प्रजापति और उसका भांजा — ने अतिक्रमण को लेकर पुराने विवाद के चलते महिला के बेटे पर हमला किया था। जब कांति प्रजापति अपने बेटे को बचाने के लिए बीच-बचाव में आईं, तो आरोपियों ने न सिर्फ उनके साथ मारपीट की, बल्कि अपनी दुकान में खौलते तेल को उन पर उड़ेल दिया। इस हमले में कांति गंभीर रूप से झुलस गईं और आरोपी का एक साथी भी गर्म तेल से आंशिक रूप से झुलस गया।
इलाज में देरी और पुलिस की असंवेदनशीलता बनी जानलेवा
सबसे चौंकाने वाला पहलू इस पूरे घटनाक्रम में पुलिस की भूमिका रही। परिवार का आरोप है कि हमले के तुरंत बाद गोविंदपुरा थाने की एफआरवी (First Response Vehicle) मौके पर पहुंची और महिला को अस्पताल ले जाने का प्रयास किया गया। लेकिन रास्ते में पुलिसकर्मियों ने पीड़ित परिवार से पूछताछ के दौरान घायल महिला को करियर कॉलेज के पास उतार दिया और कहा, “यहां से खुद अस्पताल ले जाओ, हमारा काम यहीं तक है।”
पति मुकेश प्रजापति ने बताया कि उन्होंने कई बार मिन्नतें कीं, लेकिन पुलिसकर्मी नहीं माने। आखिरकार एक राहगीर की मदद से उन्होंने अपनी झुलसी हुई पत्नी को एक्टिवा से जेपी अस्पताल पहुंचाया, जहां से उन्हें हमीदिया अस्पताल रेफर किया गया। चार दिन तक जिंदगी और मौत के बीच जूझने के बाद गुरुवार सुबह कांति की मौत हो गई।
हत्या के बाद भी उल्टा पीड़ितों पर केस?
पीड़िता के पति का यह भी आरोप है कि गंभीर रूप से घायल होने और बेटे के साथ मारपीट के बावजूद, गोविंदपुरा पुलिस ने उनके और उनके बेटों पर ही हत्या के प्रयास का केस दर्ज कर लिया, जबकि असली दोषी खुलेआम घूम रहे थे। मृतका के परिजनों ने दावा किया कि झुलसे हुए आरोपियों में से एक ने ही एफआईआर कराई, जबकि उसी ने महिला पर गर्म तेल डाला था।
स्थानीय लोगों की मानें तो अन्ना नगर में आरोपियों की दुकान का एक हिस्सा अतिक्रमण कर बनाया गया था। नगर निगम को लगातार इसकी शिकायतें मिल रही थीं, जिसके बाद हाल ही में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई। आरोपियों को शक था कि शिकायत महिला के बेटे ने की थी। इसी रंजिश में उन्होंने पहले बेटे को निशाना बनाया और फिर उसे बचाने आई मां पर जानलेवा हमला कर दिया।
पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल
घटना के बाद गोविंदपुरा थाना प्रभारी ने माना कि एफआरवी की टीम घायल महिला को रास्ते में उतारकर चली गई थी और अस्पताल में समय पर बयान दर्ज करने में भी देरी हुई।