मध्यप्रदेश में औद्योगिक क्रांति की शुरुआत: धार के बदनावर में बनेगा देश का पहला PM मित्रा पार्क, PM मोदी 25 अगस्त को करेंगे भूमिपूजन; CM यादव ने दी जानकारी!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

मध्यप्रदेश में औद्योगिक विकास का एक नया अध्याय लिखने जा रहा है, क्योंकि धार जिले के बदनावर क्षेत्र में देश का पहला पीएम मित्रा पार्क (PM MITRA Park) आकार ले रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पुष्टि की है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 अगस्त को इस मेगा प्रोजेक्ट का भूमिपूजन करेंगे। यह सिर्फ एक औपचारिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि प्रदेश की औद्योगिक और आर्थिक दिशा बदलने वाला ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।

पीएम मित्रा पार्क की खासियत यह है कि यह भारत का पहला मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजन एंड अपैरल पार्क होगा, जो 2,158 एकड़ से अधिक क्षेत्र में विकसित किया जा रहा है। 2,000 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से तैयार होने वाला यह पार्क “फार्म टू फॉरेन” यानी खेत से विदेशी बाजार तक की 5F अवधारणा पर आधारित है। इसका मतलब यह है कि यहां कपास उत्पादन से लेकर कपड़े की फैक्ट्री और फिर तैयार परिधान के वैश्विक निर्यात तक, पूरी वैल्यू चेन एक ही जगह पर मौजूद होगी। इससे न केवल उत्पादन लागत घटेगी, बल्कि वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भारतीय टेक्सटाइल उद्योग को मजबूती भी मिलेगी।

राज्य सरकार के मुताबिक, इस परियोजना से लगभग तीन लाख रोजगार के अवसर सृजित होंगे, जिनमें एक लाख प्रत्यक्ष और दो लाख अप्रत्यक्ष रोजगार शामिल होंगे। इससे न केवल मालवा क्षेत्र के कपास किसानों को सीधा फायदा मिलेगा, बल्कि पीथमपुर की तरह धार भी एक बड़े औद्योगिक हब के रूप में उभरेगा। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि इस पार्क को इंदौर मेट्रोपॉलिटन एरिया का हिस्सा बनाया जाएगा, जिससे सड़क, रेल और हवाई कनेक्टिविटी के साथ-साथ मेट्रोपॉलिटन सुविधाओं का भी लाभ मिलेगा।

इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिहाज से यह पार्क किसी भी अंतरराष्ट्रीय मानक से कम नहीं होगा। यहां 220 केवीए सब-स्टेशन, SCADA-कंट्रोल्ड यूटिलिटीज, आधुनिक सड़क नेटवर्क, वाटर सप्लाई सिस्टम, अपशिष्ट प्रबंधन, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और स्ट्रीट लाइटिंग जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी। 20 एमएलडी क्षमता का कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट, 10 एमवीए का सोलर पावर प्लांट, और 81 तैयार-टू-यूज (प्लग एंड प्ले) यूनिट्स भी पार्क का हिस्सा होंगी। महिला कर्मचारियों और श्रमिकों के लिए आवासीय सुविधाएं, केंद्रीकृत स्टीम बॉयलर और पाइपलाइन नेटवर्क जैसी व्यवस्थाएं इसे पूरी तरह आत्मनिर्भर और पर्यावरण-हितैषी बनाएंगी।

अब तक पार्क में निर्माण कार्य तेजी से प्रगति कर रहा है। 60% साइट लेवलिंग का काम और मुख्य प्रवेश द्वार का निर्माण पूरा हो चुका है। राज्य राजमार्ग-18 से 1.4 किमी लंबी छह लेन की कनेक्टिविटी सड़क, 220 केवी पावर लाइन और माही डैम से जल आपूर्ति जैसी बाहरी परियोजनाएं भी अंतिम चरण में हैं। पार्क को “ग्रीन रेटिंग” दिलाने के लिए इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल के साथ भी परामर्श चल रहा है।

निवेश के मोर्चे पर भी यह परियोजना बेहद सफल दिख रही है। अब तक 10,000 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्ताव (Intention-to-Invest) प्राप्त हो चुके हैं। इंडियन कॉटन फेडरेशन, साउदर्न इंडिया मिल्स एसोसिएशन, तिरुपुर एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन और दुबई के टेक्सटाइल मर्चेंट एसोसिएशन जैसे प्रमुख संगठनों के साथ एमओयू साइन किए गए हैं, जो पार्क के इकोसिस्टम को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाएंगे।

राज्य सरकार इस कार्यक्रम को एक बड़े जनआंदोलन का रूप देने की तैयारी कर रही है। मुख्यमंत्री ने सभी प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि किसानों और स्थानीय नागरिकों की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित की जाए, साथ ही कार्यक्रम का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए ताकि लोगों को रोजगार और औद्योगिक विकास से जुड़े ठोस लाभों की जानकारी मिल सके।

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