बिहार SIR विवाद पर संसद में फिर हंगामा, लोकसभा-राज्यसभा बार-बार हुई स्थगित; राहुल गांधी का आरोप— वोटर लिस्ट में अनलिमिटेड गड़बड़ियां, पिक्चर अभी बाकी है!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

मंगलवार को संसद के दोनों सदनों में एक बार फिर जोरदार हंगामा देखने को मिला। विपक्ष ने बिहार SIR (सिस्टमेटिक इलेक्टोरल रिगिंग) मुद्दे पर तत्काल चर्चा की मांग करते हुए नारेबाजी और विरोध प्रदर्शन किया, जिसके चलते लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही बार-बार बाधित हुई। सुबह की कार्यवाही के बाद दोनों सदनों को पहले स्थगित किया गया और फिर दोबारा शुरू होने पर फिर से हंगामा बढ़ गया, जिसके चलते इन्हें पुनः स्थगित करना पड़ा। लोकसभा 3 बजे तक और राज्यसभा 2 बजे तक स्थगित रही।

कार्यवाही शुरू होने से पहले ही माहौल गरम था। इंडिया ब्लॉक के सांसद, जिनमें प्रियंका गांधी भी शामिल रहीं, मकर द्वार पर “मिंता देवी” नाम और तस्वीर वाली टी-शर्ट पहनकर पहुंचे। विपक्ष का दावा है कि बिहार की वोटर लिस्ट में मिंता देवी नाम की महिला को 124 साल की उम्र का ‘पहली बार वोट डालने वाली’ मतदाता दिखाया गया है। विपक्ष ने इसे वोटर लिस्ट में धांधली का प्रतीक बताते हुए ‘राष्ट्रीय स्तर पर सुनियोजित गड़बड़ी’ करार दिया।

चुनाव आयोग से जुड़े एक अधिकारी ने हालांकि बताया कि मिंता देवी की असली उम्र 35 वर्ष है, लेकिन उनके आवेदन में हुई गलती के कारण रिकॉर्ड में उम्र 124 साल दर्ज हो गई। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि यह सिर्फ एक मामला नहीं, बल्कि ऐसे “अनलिमिटेड” केस हैं और वोटर लिस्ट में गड़बड़ी कई सीटों पर की जा रही है। उन्होंने इसे राष्ट्रीय स्तर की एक सोची-समझी रणनीति बताया और कहा कि “पिक्चर अभी बाकी है।”

संसद में लगातार हो रहे हंगामे का असर विधायी कामकाज पर साफ दिखाई दिया। सोमवार को भी 8 अहम विधेयक बिना बहस के पास कर दिए गए थे। मंगलवार को भी चर्चा की संभावना नगण्य रही। लोकसभा में नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल, नेशनल एंटी-डोपिंग (संशोधन) बिल, इनकम टैक्स (नंबर 2) बिल और टैक्सेशन लॉ (संशोधन) बिल पारित हुए। वहीं, राज्यसभा में गोवा के अनुसूचित जनजाति विधानसभा क्षेत्रों के पुनर्संयोजन से संबंधित बिल, मर्चेंट शिपिंग बिल, मणिपुर विनियोग बिल और मणिपुर जीएसटी (संशोधन) बिल पास हुए।

इस बीच, विपक्ष के करीब 300 सांसद सोमवार को संसद से चुनाव आयोग कार्यालय तक मार्च कर चुके हैं। इस विरोध प्रदर्शन में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और अखिलेश यादव समेत कई बड़े नेता शामिल थे। पुलिस ने सभी को हिरासत में लिया और लगभग दो घंटे बाद रिहा कर दिया।

इसी दिन एक और बड़ा घटनाक्रम हुआ। लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। यह प्रस्ताव 146 सांसदों के हस्ताक्षरों के साथ पेश किया गया था, जिसमें जस्टिस वर्मा पर ‘कैश कांड’ मामले में पद से हटाने की मांग की गई है। स्पीकर ने जांच के लिए 3 सदस्यीय समिति गठित की है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के एक-एक जज तथा एक वरिष्ठ विधिवेत्ता शामिल हैं। समिति की रिपोर्ट आने तक महाभियोग प्रस्ताव लंबित रहेगा।

कृषि संकट पर भी विपक्ष ने सरकार को घेरा। शिवसेना (यूबीटी) सांसद अरविंद सावंत ने सदन में कहा कि किसान अपनी लागत तक नहीं निकाल पा रहे हैं, और सरकार किसानों की आय दोगुनी करने का दावा करती है। उन्होंने प्याज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) तय करने की मांग की और किसानों की आत्महत्या की घटनाओं पर चिंता जताई।

सत्र का माहौल इस कदर तनावपूर्ण रहा कि लोकसभा महज 9 मिनट चली और फिर स्थगित हो गई, जबकि राज्यसभा में भी कुछ ही मिनटों की कार्यवाही के बाद स्थगन की घोषणा करनी पड़ी। विपक्ष ने स्पष्ट किया है कि वह सदन के अंदर और बाहर दोनों जगह बिहार SIR मुद्दे को प्रमुखता से उठाता रहेगा और यदि आवश्यक हुआ तो आंदोलन का दायरा और बढ़ाया जाएगा।

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