जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
राजधानी भोपाल और आसपास के इलाकों में चर्चित मछली परिवार एक बार फिर सुर्खियों में है। लव जिहाद, ड्रग्स, अवैध कब्ज़ों और हथियारों से लेकर संगीन अपराधों तक के आरोपों से घिरे इस परिवार पर कानून का शिकंजा कसना शुरू हो गया है। हाल ही में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) के सदस्य प्रियंक कानूनगो ने खुद इस पूरे मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है और प्रशासन से कई सवाल पूछे हैं।
दिल्ली तक पहुंची पैरवी
सूत्रों के अनुसार, मछली परिवार के खिलाफ हो रही कार्रवाई को रोकने के लिए मध्यप्रदेश के एक राजनीतिक नेता जैनेंद्र पाठक ने दिल्ली में NHRC सदस्य प्रियंक कानूनगो के घर पहुंचकर सिफारिश करने की कोशिश की। उन्होंने परिवार को बचाने की गुहार लगाई, लेकिन कानूनगो ने सख्त रुख अपनाया। बताया जाता है कि जब प्रयास असफल हुआ तो जैनेंद्र मिठाई का डिब्बा छोड़कर वहां से भाग निकले। इसके बाद कानूनगो शुक्रवार को भोपाल पहुंचे और घटनाक्रम पर विस्तार से बात की।
प्रियंक कानूनगो का बड़ा बयान
कानूनगो ने कहा कि यह मामला किसी की “हिम्मत” का नहीं, बल्कि भोपाल की बेटियों की सुरक्षा का है। उन्होंने आरोप लगाया कि मछली परिवार से जुड़े लोग हिंदू लड़कियों को निशाना बनाकर उनका यौन शोषण करते थे, वीडियो बनाते थे और ब्लैकमेल कर धर्मांतरण का दबाव डालते थे। कानूनगो के अनुसार, “जहां बेटियां सुरक्षित नहीं हैं, वहीं असली हिमाकत है।”
मछली परिवार पर दर्ज कई गंभीर आरोपों के बावजूद अभी तक कई मामलों में FIR दर्ज न होने पर सवाल उठाए गए। इस पर कानूनगो ने बताया कि NHRC की पहली जांच टीम की रिपोर्ट में कमियां मिली थीं, जिसके बाद दूसरी टीम को चार दिन के लिए दोबारा भेजा गया था। इस टीम ने बयान दर्ज किए हैं और रिपोर्ट जल्द NHRC को सौंपी जाएगी। उसी आधार पर आगे की कार्रवाई होगी।
कानूनगो ने यह भी खुलासा किया कि परिवार के सदस्य शाहिद मछली को “रिनाउंड शूटर” का दर्जा दिया गया है, जिसके चलते उसे 30 हजार कारतूस रखने की अनुमति मिली हुई है। उनके पास तीन हथियार दर्ज हैं—एक 12 बोर की शॉर्टगन, एक इंपोर्टेड वैसन रिवॉल्वर और 30.6 कैलिबर की राइफल। कानूनगो ने सवाल उठाया कि क्या एक ही शूटर तीन अलग-अलग बोर के हथियारों का राष्ट्रीय स्तर पर अभ्यास कर सकता है? उन्होंने इस दर्जे की जांच कराने की बात कही और पूछा कि राज्य का मान बढ़ाने वाले कौन से पदक शाहिद ने जीते हैं।
मछली परिवार के कुल 9 भाई हैं, जो अलग-अलग कारोबार और आपराधिक गतिविधियों से जुड़े हुए हैं।
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शारिक मछली – किरायेदारी से आमदनी, रेस्टोरेंट का संचालन। उस पर बिल्डिंग बाईलॉज़ उल्लंघन, अवैध कॉफीहाउस निर्माण और गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। भाजपा में सक्रिय रहा।
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शफीक मछली – ड्रग्स तस्करी और रेप केस में पकड़ा गया। उस पर धमकी और मारपीट के तीन केस दर्ज हैं।
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शहरयार मछली – प्रॉपर्टी डीलिंग में सक्रिय। दो भाइयों की गिरफ्तारी के बाद भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा जिलाध्यक्ष नियुक्त किया गया।
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सोहेल मछली – हताईखेड़ा में बकरा फार्म, जिसे प्रशासन ने ध्वस्त किया। उस पर भी धमकी और मारपीट का केस।
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शाहवर मछली – भोपाल और दुबई में प्रॉपर्टी का कारोबार। उस पर रेप, एनडीपीएस और तस्करी के चार केस दर्ज हैं।
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तारिक मछली – आलीशान शरीफ मंज़िल का मालिक। कई स्थानों की दुकानों और जमीन का किराया लेता है। उस पर हत्या के प्रयास, अवैध कब्जे और ब्लैकमेलिंग के केस दर्ज हैं।
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शाहबाज मछली – प्रॉपर्टी किराए पर देकर कमाई करता है। उस पर मारपीट का केस।
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शाहिद मछली – प्रॉपर्टी कारोबारी। उस पर भी मारपीट का मामला दर्ज है।
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शकील मछली – मोहम्मदी मस्जिद के पास दुकान। फिलहाल अपराध रिकॉर्ड नहीं, लेकिन भाइयों के मेल-जोल का काम देखता है।
कानूनगो ने साफ कहा कि तालाबों और जमीनों पर अवैध कब्जों के मामले गंभीर हैं और प्रशासन की भूमिका भी जांच के दायरे में आएगी। उन्होंने कहा कि जैसे ही NHRC को विस्तृत रिपोर्ट मिलेगी, उस पर सख्त कार्रवाई होगी।