जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 सितंबर को मध्यप्रदेश के धार जिले के भैसोला में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम से “आदि सेवा पर्व” का शुभारंभ करेंगे। यह आयोजन आदि कर्मयोगी अभियान के अंतर्गत किया जा रहा है, जिसे जनजातीय गौरव और राष्ट्र निर्माण के संगम के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है। पर्व का आयोजन 2 अक्टूबर तक चलेगा और इस दौरान पूरे प्रदेश के जनजातीय बहुल क्षेत्रों में स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, कौशल विकास, आजीविका संवर्धन, जल-संरक्षण, स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण जैसी सेवात्मक गतिविधियाँ आयोजित की जाएंगी।
इस अभियान का उद्देश्य जनजातीय समाज को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के साथ-साथ शासन-प्रशासन को जमीनी स्तर पर अधिक उत्तरदायी बनाना है। हर गतिविधि की मूल भावना सेवा, संकल्प और समर्पण से जुड़ी हुई है।
तीन लाख “आदि कर्मयोगी” होंगे तैयार
आदि कर्मयोगी अभियान, जिसे इस वर्ष जनजातीय कार्य मंत्रालय ने शुरू किया है, जनजातीय समुदाय के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए एक ऐतिहासिक पहल मानी जा रही है। इसके अंतर्गत करीब तीन लाख कर्मयोगियों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है। इनमें गाँव स्तर के युवा, महिलाएँ, शिक्षक, आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, पंचायत सचिव और स्थानीय प्रतिनिधि शामिल होंगे।
अभियान के प्रशिक्षण ढांचे को चरणबद्ध तरीके से तैयार किया गया है।
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रीजनल प्रोसेस लैब में 12 स्टेट मास्टर ट्रेनर्स
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स्टेट प्रोसेस लैब में 41 जिलों से 272 डिस्ट्रिक्ट मास्टर ट्रेनर्स
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डिस्ट्रिक्ट प्रोसेस लैब में 242 ब्लॉकों से 1210 ब्लॉक मास्टर ट्रेनर्स
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इनके माध्यम से आगे चलकर 18,150 क्लस्टर मास्टर ट्रेनर्स और हजारों स्थानीय सहयोगी तैयार किए जाएंगे।
इसके अतिरिक्त 56470 आदि सहयोगी (शिक्षक, डॉक्टर, सामाजिक कार्यकर्ता, युवा नेता), 2 लाख से अधिक आदि साथी (स्वयंसेवक, जनप्रतिनिधि, सांस्कृतिक हस्तियां और स्व-सहायता समूह सदस्य) तथा 22,588 विद्यार्थी इस अभियान से जुड़ेंगे। इस प्रकार कुल मिलाकर 3,03,233 चेंज लीडर्स तैयार करने का लक्ष्य है।
ट्राईबल विलेज विज़न-2030
अभियान का सबसे बड़ा आकर्षण है “ट्राईबल विलेज विज़न-2030”, जिसके अंतर्गत प्रत्येक जनजातीय गाँव के लिए एक दीर्घकालिक विकास रोडमैप तैयार किया जा रहा है।
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प्रत्येक गाँव में विलेज एक्शन प्लान तैयार होगा।
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2 अक्टूबर 2025 को विशेष ग्राम सभाओं में इन योजनाओं को औपचारिक रूप से अनुमोदन मिलेगा।
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ग्राम स्तर पर आदि सेवा केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जिनके माध्यम से सेवा वितरण और शिकायत निवारण का मजबूत तंत्र खड़ा किया जाएगा।
इस विज़न में स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, शुद्ध पेयजल, महिला एवं बाल विकास योजनाओं का लाभ, रोजगार और आजीविका के साधन तथा सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का कवरेज सुनिश्चित करना प्रमुख लक्ष्य हैं।
ग्राम स्तर पर गतिविधियाँ और जनजागरण
“आदि सेवा पर्व” के दौरान विभिन्न विभागों — पंचायत एवं ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास, शिक्षा, वन, कृषि, जल जीवन मिशन आदि — की संयुक्त भूमिका रहेगी। ग्रामों में जनजागरण यात्राएँ, उन्मुखीकरण कार्यक्रम, दीवार लेखन, समूह चर्चाएँ और ग्राम विकास योजना पर विचार-विमर्श जैसे कार्यक्रम आयोजित होंगे।
विशेष रूप से गांधी जयंती पर आयोजित ग्राम सभाओं में ग्राम विकास कार्ययोजना को अनुमोदन प्रदान किया जाएगा। इस प्रक्रिया से ग्रामीणों की भागीदारी बढ़ेगी और योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता आएगी।
यह पहल जनजातीय समाज को न केवल योजनाओं की जानकारी और लाभ दिलाएगी, बल्कि गाँव स्तर पर नेतृत्व क्षमता को भी विकसित करेगी। अधिकारियों और स्थानीय प्रतिनिधियों के बीच बेहतर तालमेल बनेगा और योजनाओं के क्रियान्वयन की गति बढ़ेगी।
लंबे समय में इस अभियान का असर गरीबी उन्मूलन, बालिका शिक्षा में सुधार, मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी, सतत आजीविका साधनों की वृद्धि और सामाजिक विश्वास में मजबूती के रूप में दिखाई देगा।