जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
प्रदेश में गौवंश की बदहाली को लेकर सोमवार को जबलपुर की सड़कों पर एक अलग ही नजारा देखने को मिला। संत समाज से जुड़े कम्प्यूटर बाबा अपने समर्थकों और साधु-संतों के साथ भिक्षा पात्र लेकर शहर में उतरे। ढोल-ढमाकों और नारेबाजी के बीच उन्होंने आम लोगों और व्यापारियों से अपील की कि वे गौमाता की रक्षा के लिए आगे आएं और आगामी गौरक्षा यात्रा को सफल बनाने में योगदान दें।
हजारों गायों के साथ यात्रा का ऐलान
कम्प्यूटर बाबा ने बताया कि 7 अक्टूबर से नर्मदापुरम से गौरक्षा यात्रा की शुरुआत होगी, जो 14 अक्टूबर को भोपाल पहुंचेगी। आठ दिनों तक चलने वाली इस यात्रा में साधु-संतों के साथ हजारों गायें भी शामिल होंगी। खास बात यह होगी कि गायें अपने गले और सींगों में ज्ञापन लेकर राजधानी पहुंचेंगी। बाबा ने चेतावनी दी कि यदि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उनकी मांगें नहीं सुनीं तो वे हजारों गायों को भोपाल की सड़कों पर छोड़कर वापस लौट जाएंगे।
“गौमाता सड़कों पर तड़प-तड़पकर मर रही है”
मीडिया से बातचीत में कम्प्यूटर बाबा ने कहा कि वे केवल भाजपा ही नहीं, बल्कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों से भी गौसंरक्षण की मांग कर रहे हैं। उनका आरोप है कि प्रदेश की सड़कों पर रोजाना दुर्घटनाओं में गायें मर रही हैं, लेकिन सरकार इसके प्रति संवेदनशील नहीं है। उन्होंने कहा— “मोहन यादव सरकार सनातन, सनातन करते-करते दो साल निकाल चुकी है, लेकिन गौमाता की रक्षा के लिए अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। सनातन की जननी गौमाता है और इनके बिना सनातन धर्म अधूरा है।”
सीएम से कई बार मिलने की कोशिश
कम्प्यूटर बाबा ने बताया कि इस मुद्दे पर उन्होंने मुख्यमंत्री से कई बार मिलने की कोशिश की, यहां तक कि पत्र भी लिखे गए, लेकिन कभी सुनवाई नहीं हुई। बाबा ने कहा कि जब सरकार ने उनकी आवाज को नजरअंदाज किया, तो मजबूर होकर वे सड़कों पर उतरे हैं।
जबलपुर में भिक्षा मांगकर जुटाया समर्थन
यात्रा की तैयारियों के तहत सोमवार को बाबा ने महाकौशल क्षेत्र की यात्रा शुरू की। जबलपुर में वे साधु-संतों के साथ मालवीय चौक, बड़ा फुहारा और कोतवाली क्षेत्र में भिक्षा पात्र लेकर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने जनता से सहयोग मांगा और गौरक्षा यात्रा में जुड़ने की अपील की।
कम्प्यूटर बाबा का कहना है कि इस यात्रा का मकसद सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक भी है। उनका दावा है कि गायों की सुरक्षा से न केवल सनातन धर्म की रक्षा होगी बल्कि सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी और आम जनता भी सुरक्षित रहेगी।