भोपाल मेट्रो अक्टूबर से शुरू, पीएम मोदी दिखा सकते हैं हरी झंडी: 7 दिन फ्री, फिर 3 महीने तक किराए में मिल सकती है 75% तक की छूट!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:  

भोपाल में राजधानीवासियों के लिए खुशखबरी है। अक्टूबर से भोपाल मेट्रो में आम लोग सफर कर सकेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मेट्रो को हरी झंडी दिखाने राजधानी आ सकते हैं। इससे पहले 24 सितंबर को कमिश्नर मेट्रो रेल सेफ्टी (CMRS) की टीम भोपाल में डिपो और मेट्रो गाड़ी का निरीक्षण करने पहुंचेगी। 25 और 26 सितंबर को टीम विस्तृत निरीक्षण करेगी। इस शेड्यूल के सामने आते ही मेट्रो अधिकारी तैयारियों में जुट गए हैं। इसके बाद दूसरी टीम भी जल्द निरीक्षण के लिए आएगी।

भोपाल मेट्रो की किराया नीति पर अधिकारियों ने मंथन शुरू कर दिया है। प्रारंभ में 7 दिन तक जनता मेट्रो में फ्री सफर कर सकेगी। इसके बाद तीन महीनों तक किराए पर छूट लागू रहेगी – 75%, 50% और 25% की दर से। छूट खत्म होने के बाद सामान्य किराया 20 रुपए रखा गया है, जबकि अधिकतम किराया 80 रुपए होगा। यह मॉडल इंदौर मेट्रो में पहले ही सफलतापूर्वक लागू किया जा चुका है।

भोपाल मेट्रो की ऑरेंज लाइन के पहले फेज में सुभाषनगर से एम्स तक लगभग 6 किलोमीटर की दूरी तय होगी। दूसरा फेज सुभाषनगर से करोंद तक है, जिसे अगले 2-3 साल में पूरा करने का लक्ष्य है। आगामी ट्रायल रन के दौरान यात्रियों को मेट्रो में दरवाजों की दिशा का संकेत मिलेगा और स्टेशनों पर उचित निर्देश दिए जाएंगे।

भोपाल मेट्रो का ट्रायल रन सुभाषनगर से रानी कमलापति रेलवे स्टेशन (RKMP) तक किया जा रहा है। इस दौरान ट्रेन की न्यूनतम गति 30 किमी/घंटा और अधिकतम 80 किमी/घंटा रखी जा रही है। कई बार 100-120 किमी/घंटा की गति से भी परीक्षण किया गया। सिग्नल सिस्टम भी पूरी तरह टेस्टिंग के दौर से गुजर रहा है।

भोपाल मेट्रो में अब ट्रेन जैसा मैन्युअल टिकट सिस्टम लागू किया जाएगा। यात्रियों को मेट्रो में सफर करने के लिए मैन्युअल रूप से टिकट लेना होगा। यह वही तरीका है जो इंदौर मेट्रो में पिछले डेढ़ महीने से लागू है। मूल रूप से ऑटोमैटिक फेयर कलेक्शन सिस्टम ‘असिस गार्ड’ कंपनी द्वारा तैयार किया जाना था, लेकिन टेंडर विवाद के कारण यह सिस्टम फिलहाल लागू नहीं हो पाया। नई कंपनी के चयन और प्रक्रिया में दो-तीन महीने का समय लग सकता है।

अधिकारियों ने बताया कि मैन्युअल टिकट के लिए पर्याप्त अमला तैनात किया जा रहा है। इसमें स्टाफ टिकट जारी करेगा और गेट सिस्टम के माध्यम से यात्रियों को प्रवेश कराया जाएगा। जैसे ट्रेन में सफर करते समय टिकट लिया जाता है, वैसे ही मेट्रो में भी सुरक्षा और यात्रा व्यवस्था सुनिश्चित होगी।

एम्स, अलकापुरी और डीआरएम ऑफिस स्टेशन पर गेट लगाने समेत अन्य तैयारियां अंतिम चरण में हैं। अधिकारियों ने इसे अगले 15 दिनों में पूरा करने का लक्ष्य रखा है, ताकि अक्टूबर से मेट्रो यात्रियों के लिए तैयार हो।

भोपाल मेट्रो का ट्रायल और कमर्शियल संचालन अक्टूबर से शुरू होने जा रहा है। प्रारंभिक दौर में मैन्युअल टिकट सिस्टम और किराया छूट से यात्री सुविधा का अनुभव कर सकेंगे। यह परियोजना शहर में सार्वजनिक परिवहन को और मजबूत करेगी और आने वाले वर्षों में पूरे फेज के पूर्ण होने पर राजधानीवासियों की यात्रा और सुगम बनेगी।

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