जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश सरकार ऊर्जा और खाद्य क्षेत्र में नए अध्याय की शुरुआत करने जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 25 सितम्बर को सागर जिले के जैसीनगर में सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन पोर्टल और मुख्यमंत्री अन्न सेवा जागरूकता कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे। इस मौके पर खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री गोविंद सिंह राजपूत भी मौजूद रहेंगे।
गैस वितरण नीति 2025: हर घर तक पाइपलाइन से गैस
राज्य सरकार ने हाल ही में सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन नीति–2025 लागू की है। इस नीति का लक्ष्य है—मध्यप्रदेश को ग्रीन एनर्जी हब के रूप में स्थापित करना। इसके तहत जिलों में पाइपलाइन बिछाकर उपभोक्ताओं को पीएनजी (पाइप्ड नेचुरल गैस) उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही वाहनों के लिए सीएनजी स्टेशन स्थापित किए जाएंगे, जिससे स्वच्छ और किफायती ईंधन का विकल्प आम लोगों को मिलेगा। सरकार का मानना है कि यह न केवल प्रदूषण घटाएगा, बल्कि निवेश और रोजगार के अवसर भी बढ़ाएगा।
उपभोक्ताओं के लिए पारदर्शी राशन व्यवस्था
कार्यक्रम में शुरू होने वाली दूसरी अहम पहल है ‘मुख्यमंत्री अन्न सेवा जागरूकता कार्यक्रम’। इस योजना के तहत सार्वजनिक वितरण प्रणाली को पूरी तरह पारदर्शी बनाने पर जोर दिया गया है।
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उपभोक्ताओं को राशन की उपलब्धता और मात्रा की जानकारी सीधे SMS अलर्ट से मिलेगी।
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उचित मूल्य दुकानों तक खाद्यान्न पहुंचते ही हितग्राहियों को इसकी सूचना दी जाएगी।
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“आपका राशन – आपका अधिकार” अभियान के तहत शिविर लगाकर लोगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया जाएगा।
सिंगल विंडो पोर्टल: निवेशकों के लिए आसान रास्ता
सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क को तेजी से लागू करने के लिए सरकार ने सिंगल विंडो पोर्टल तैयार किया है।
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इस पोर्टल पर कंपनियां जिला कलेक्टर को ऑनलाइन आवेदन कर सकती हैं।
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तय समयसीमा में एनओसी (60 दिन) और अनुमति (77 दिन) मिल जाएगी।
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इससे कंपनियों को सीएनजी स्टेशन स्थापित करने और पाइपलाइन बिछाने में किसी तरह की परेशानी नहीं होगी।
हितग्राहियों को सीधे फायदे
पीएनजी से जुड़े उपभोक्ताओं को सिलेंडर बुकिंग और रीफिलिंग की झंझट से छुटकारा मिलेगा। गैस निरंतर और सस्ती दरों पर उपलब्ध होगी।
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सुरक्षा: पीएनजी हवा से हल्की होती है, जिससे रिसाव होने पर यह ऊपर फैल जाती है और आग का खतरा बेहद कम रहता है।
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सुविधा: घरों में लगातार गैस सप्लाई रहेगी, जिससे घरेलू काम आसान होंगे।
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स्वच्छता: सीएनजी और पीएनजी अन्य ईंधनों की तुलना में कम प्रदूषण करते हैं।
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रोजगार: इस नेटवर्क की स्थापना से बुनियादी ढांचे का विकास होगा और स्थानीय स्तर पर रोजगार भी पैदा होंगे।
मध्यप्रदेश की बड़ी छलांग
इन दोनों योजनाओं के साथ मध्यप्रदेश एक ओर ऊर्जा क्षेत्र में हरित क्रांति की ओर कदम बढ़ा रहा है, वहीं दूसरी ओर राशन वितरण प्रणाली को और भरोसेमंद व तकनीक आधारित बना रहा है।