जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
सितंबर का आखिरी हफ्ता चल रहा है और धीरे-धीरे मध्यप्रदेश से मानसून विदा ले रहा है। लेकिन विदाई के इस दौर में भी कई जिलों में तेज बारिश का सिलसिला बना हुआ है। मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों के लिए अलर्ट जारी किया है। खासतौर पर इंदौर और जबलपुर संभाग में भारी पानी गिरने की संभावना जताई गई है, वहीं भोपाल सहित कुछ जिलों में बूंदाबांदी का दौर चल सकता है।
इन जिलों में भारी बारिश का अलर्ट
शनिवार को धार, बड़वानी, खरगोन, खंडवा, बुरहानपुर, बैतूल, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी और बालाघाट में जोरदार बारिश के आसार हैं। मौसम विभाग का कहना है कि इन इलाकों में अगले 24 घंटे में ढाई से साढ़े चार इंच तक पानी गिर सकता है। बाकी जिलों में हल्की बारिश और गरज-चमक की संभावना बनी हुई है।
तवा डैम का गेट खोला
इस बीच होशंगाबाद (नर्मदापुरम) जिले में स्थित तवा डैम का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा है। पचमढ़ी और आसपास के ऊपरी इलाकों में भारी बारिश होने से डैम में लगातार पानी की आवक बनी हुई है। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए शनिवार सुबह 6 बजे डैम का एक गेट पांच फीट की ऊंचाई तक खोला गया। शुक्रवार रात से ही इटारसी और आसपास के इलाकों में रुक-रुककर बारिश हो रही थी, जो शनिवार सुबह भी जारी रही।
कहां से विदा हुआ मानसून
राज्य के 11 जिलों से मानसून पूरी तरह से लौट चुका है। इनमें ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, शिवपुरी, गुना, आगर-मालवा, नीमच, मंदसौर और रतलाम शामिल हैं। इसके अलावा उज्जैन, राजगढ़ और अशोकनगर के कुछ हिस्सों से भी मानसून विदा हो चुका है। आमतौर पर इन जिलों से मानसून 30 सितंबर तक लौटता है, लेकिन इस बार यह छह दिन पहले ही विदा हो गया है।
बारिश का कारण क्या है?
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदेश के दक्षिणी हिस्से से एक टर्फ लाइन गुजर रही है, साथ ही एक लो-प्रेशर एरिया सक्रिय हो रहा है। यही वजह है कि मानसून विदाई के बावजूद अभी कई जिलों में पानी गिर रहा है। आने वाले 24 से 48 घंटों में यह सिस्टम और ज्यादा प्रभावी हो सकता है।
बारिश का रिकॉर्ड
प्रदेश के जिन जिलों से मानसून लौट चुका है, वहां सीजन में सामान्य से ज्यादा बारिश दर्ज की गई है।
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गुना – 65.4 इंच
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दतिया – 33.7 इंच (औसत 29.3 इंच)
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शिवपुरी – 55 इंच
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रतलाम – 48.5 इंच
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मंदसौर – 33.7 इंच
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आगर-मालवा – 39 इंच
इस साल मानसून ने मध्यप्रदेश में 16 जून को दस्तक दी थी, जो तय तारीख से एक दिन देरी से आया था। अब तक प्रदेश में औसतन 44.2 इंच बारिश हो चुकी है, जबकि सामान्य औसत 37 इंच माना जाता है। यानी इस बार प्रदेश में 118% बारिश दर्ज हो चुकी है।