जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोयाबीन उत्पादक किसानों के लिए बड़ी राहत का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में भावांतर योजना को फिर से लागू किया जा रहा है ताकि किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य मिल सके। इस योजना का लाभ ज्यादा से ज्यादा किसानों तक पहुंचे, इसके लिए जिला स्तर पर प्रशासनिक अमले को विशेष जिम्मेदारी दी जाएगी।
किसानों को मिलेगा सोयाबीन का सही दाम
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 5328 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। लेकिन अक्सर मंडियों में किसानों को इससे कम दाम मिलते हैं। ऐसे में सरकार एमएसपी और मंडी मूल्य के बीच का अंतर किसानों के खाते में सीधे डीबीटी (Direct Benefit Transfer) से भेजेगी।
उदाहरण के लिए – अगर मंडी में सोयाबीन का भाव 4600 रुपये है और एमएसपी 5328 रुपये, तो 628 रुपये प्रति क्विंटल की कमी सरकार किसानों को देगी।
पंजीयन अनिवार्य, 10 अक्टूबर से शुरुआत
भावांतर योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीयन कराना होगा। यह प्रक्रिया 10 अक्टूबर से 25 अक्टूबर 2025 तक चलेगी।
-
योजना की अवधि: 1 नवम्बर 2025 से 31 जनवरी 2026
-
पंजीयन के समय किसानों को अपनी जमीन का सत्यापन कराना होगा।
-
लाभ की राशि सीधे पंजीकृत बैंक खाते में पहुंचेगी।
मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सीएम ने प्रदेशभर के कलेक्टरों और अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि –
-
किसानों को उनकी मेहनत का पूरा दाम दिलवाया जाए।
-
किसी भी स्तर पर गड़बड़ी न हो।
-
योजना का प्रचार-प्रसार गांव-गांव तक हो।
-
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का भी पूरा उपयोग किया जाए।
-
जिला स्तर पर नियमित समीक्षा की जाए।
कौन-कौन थे शामिल
इस बैठक में किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री एदल सिंह कंषाना, उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार, प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल समेत कई सांसद, विधायक और जनप्रतिनिधि शामिल हुए। सभी ने इस पहल के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया और कहा कि यह कदम किसानों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगा।
सेवा पखवाड़ा और अंत्योदय उत्सव भी होंगे सफल
मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों से यह भी अपील की कि वे सेवा पखवाड़ा, स्वदेशी जागरण सप्ताह और अंत्योदय उत्सव को सफल बनाने में सहयोग करें।