बॉलीवुड इंडस्ट्री हर भारतीय त्योहार को बड़े उत्साह और धूमधाम से मनाने के लिए जानी जाती है. इस हफ्ते भी जब देशभर में करवाचौथ का त्योहार मनाया जाएगा, तब इंडस्ट्री की कई मशहूर अदाकाराएं सज-धजकर चांद का दीदार करती नजर आएंगी. लेकिन कुछ ऐसी भी बॉलीवुड हसीनाएं हैं, जो इस परंपरा को नहीं निभातीं और इसके पीछे उनके अपने ही तर्क और धारणाएं है.
लंबी उम्र के लिए भूखे-प्यासे रहना जरूरी नहीं
अक्षय कुमार की पत्नी और जानी-मानी लेखिका ट्विंकल खन्ना का मानना है कि पति की लंबी उम्र के लिए भूखे-प्यासे रहना जरूरी नहीं है. ट्विंकल ने एक इंटरव्यू में कहा था कि उन्हें नहीं लगता कि उनके उपवास रखने से उनके पति की उम्र बढ़ जाएगी, इसलिए वे करवाचौथ का व्रत नहीं रखतीं और अपनी जिंदगी को अपने विचारों के अनुसार जीना पसंद करती हैं.
करीना कपूर खान भी इस त्योहार को नहीं मानतीं. सैफ अली खान से शादी के बाद भी उन्होंने कभी करवाचौथ का व्रत नहीं रखा. करीना का कहना है कि प्यार और रिश्ते को निभाने के लिए भूखे-प्यासे रहना जरूरी नहीं है, बल्कि आपसी स्नेह और सम्मान ही रिश्ते को मजबूत बनाते हैं.
आपसी स्न्नेह और सम्मान रिश्ते को मजबूत बनाता है
वहीं नसीरुद्दीन शाह की पत्नी और बेबाक अदाकारा रत्ना पाठक शाह का भी इस व्रत पर विश्वास नहीं है. उन्होंने पहले एक बातचीत में कहा था कि उन्हें यह परंपरा तर्कसंगत नहीं लगती. रत्ना का मानना है कि रिश्ते की मजबूती के लिए आपसी भरोसा, सम्मान और समझदारी काफी होती है, न कि भूखे रहने की परंपरा को बनाए रखना.
दीपिका पादुकोण भी करवाचौथ का व्रत नहीं रखतीं. रणवीर सिंह से शादी के बाद उन्होंने कभी इस रीति को नहीं निभाया. दीपिका का मानना है कि प्यार, भरोसा और समझदारी ही किसी रिश्ते की असली नींव होते हैं. उनके अनुसार जब रिश्ता सच्चा हो, तो उसे निभाने के लिए उपवास की जरूरत नहीं होती.
सोनम कपूर का नाम भी इस सूची में शामिल है. हालांकि उनकी मां करवाचौथ को धूमधाम से मनाती हैं और सोनम इस मौके पर परिवार के साथ शामिल होती हैं, लेकिन वे खुद यह व्रत नहीं रखतीं. सोनम का मानना है कि रिश्ते की खुशी और मजबूती किसी एक दिन के व्रत पर निर्भर नहीं करती.
बॉलीवुड की ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी भी करवाचौथ का उपवास नहीं करतीं. उन्होंने कई मौकों पर कहा है कि वे इस व्रत में विश्वास नहीं रखतीं. हेमा का कहना है कि पति की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए सिर्फ व्रत रखना ही जरूरी नहीं है, बल्कि सकारात्मक सोच और शुभकामनाएं भी उतनी ही असरदार होती हैं.