मोदी और गृह मंत्री शाह देखेंगे छत्तीसगढ़ की झांकी, राष्ट्रीय एकता दिवस पर एकता नगर मे दिखेगा बस्तर का बदलता स्वरूप

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लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के अवसर पर मनाया जाने वाला राष्ट्रीय एकता दिवस इस बार विशेष रूप से ऐतिहासिक होने जा रहा है. भारत सरकार द्वारा गुजरात के एकता नगर में आयोजित होने वाले इस समारोह में देशभर से चयनित राज्यों और विभागों की झांकियों का भव्य प्रदर्शन किया जाएगा. इन झांकियों के माध्यम से भारत की सांस्कृतिक विविधता, सामाजिक एकता और विकास की गाथा को दर्शाया जाएगा.

दस राज्यों और विभागों की झांकियों का चयन

गृह मंत्रालय, भारत सरकार की सलेक्शन कमेटी ने 13 अक्टूबर, 2025 को नई दिल्ली में आयोजित बैठक में 3D मॉडल्स के निरीक्षण के पश्चात दस राज्यों और विभागों की झांकियों का चयन किया है. चयन प्रक्रिया की अध्यक्षता केंद्रीय गृह सचिव ने की, जिसमें संगीत, कला, स्थापत्य, इतिहास और डिज़ाइन के क्षेत्रों के विशेषज्ञ भी शामिल रहे. इस वर्ष जिन राज्यों और संगठनों की झांकियों का चयन हुआ है, उनमें राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG), अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह, जम्मू-कश्मीर, पुडुचेरी, छत्तीसगढ़, गुजरात, महाराष्ट्र, मणिपुर, और उत्तराखंड शामिल है.

इनमें से विशेष आकर्षण रहेगी छत्तीसगढ़ की झांकी, जिसे राज्य के जनसंपर्क विभाग के निर्देशन और आयुक्त, जनसंपर्क के मार्गदर्शन में तैयार किया गया है. छत्तीसगढ़ की झांकी इस वर्ष अपनी समृद्ध आदिवासी कला और संस्कृति, बस्तर क्षेत्र में हो रहे नए विकास परिवर्तनों, और नक्सल उन्मूलन के बाद उभरती नई पहचान को प्रदर्शित करेगी. झांकी का प्रमुख आकर्षण बस्तर की पारंपरिक धातु कला, ढोकरा शिल्प कला,आदिवासी पेंटिंग, और जनजातीय नृत्य के जीवंत दृश्य होंगे. साथ ही इसमें यह संदेश भी दिया जाएगा कि बस्तर की जिस भूमि ने कभी संघर्ष और असमानता देखी, आज वही क्षेत्र विकास, शिक्षा, और शांति के नए युग में प्रवेश कर चुका है.

छत्तीसगढ़ की झांकी में बस्तर की कला और संस्कृति

छत्तीसगढ़ की झांकी बस्तर क्षेत्र की समृद्ध कला, लोक नृत्य, पारंपरिक वाद्य संगीत, और आधुनिक विकास की झलक को एक साथ प्रस्तुत करेगी. यह झांकी दर्शाएगी कि कैसे एक समय संघर्षग्रस्त इलाका आज शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचे और उद्योगों के माध्यम से शांति और समृद्धि की नई पहचान बना रहा है. राज्य सरकार की पुनर्वास और विकास नीति ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में स्थायी परिवर्तन की दिशा में नई ऊर्जा का संचार किया है.

राष्ट्रीय एकता दिवस पर आयोजित इस भव्य परेड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह स्वयं उपस्थित रहेंगे और झांकियों का अवलोकन करेंगे. इस आयोजन का उद्देश्य देश की एकता, अखंडता और सांस्कृतिक गौरव को प्रदर्शित करना है.

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