Haryana की राजनीति को बड़ा झटका लगा है. 1986 में चौधरी देवीलाल की सरकार में मंत्री रहे Hari Singh Saini ने आज दुनिया को अलविदा कह दिया। पूर्व मंत्री Hari Singh Saini की Haryana में चुनावी जंग लड़ने की लंबी कहानी है.
Haryana के पूर्व मंत्री Hari Singh Saini का निधन हो गया. जानकारी के मुताबिक, Hari Singh Saini को बीमारी के चलते एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था और सुबह उनकी मौत हो गई. पूर्व मंत्री Hari Singh Saini का राजनीतिक सफर काफी लंबा है. 1982 में Hari Singh Saini ने बलदेव तायल और ओमप्रकाश महाजन के खिलाफ निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पहला चुनाव लड़ा और हार गए। जिसके बाद उन्होंने चौधरी देवीलाल का हाथ थाम लिया.
Saini ने अपना पहला चुनाव 1986 में देवीलाल की लहर में जीता और मंत्री बनने में कामयाब रहे। इसके बाद Saini की कई बार ओमप्रकाश महाजन और ओमप्रकाश जिंदल से चुनावी लड़ाई हुई लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। 1990 तक देवीलाल के साथ रहे। 1991 में देवीलाल ने एक नई पार्टी के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा, जिससे Saini ने दूरी बना ली।
जानकारों के मुताबिक 1996 में Saini को निर्दलीय प्रत्याशी महाजन से कड़ी टक्कर मिली थी. लेकिन Saini ने Congress का हाथ पकड़कर चुनाव लड़ा, फिर भी सफलता नहीं मिली. 2000 और 2005 का चुनाव निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लड़ा लेकिन किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया। जब पूर्व CM Bhajan Lal ने Congress छोड़ कर Haryana जनहित Congress बनाई तो Saini ने कुलदीप बिश्नोई के साथ अपना राजनीतिक सफर आगे बढ़ाया. बिश्नोई से असंतुष्ट होने के बाद 2009 में Saini फिर से भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में Congress में शामिल हो गये. 2014 के चुनाव में Saini ने फिर Congress छोड़ दी और अपने पहले राजनीतिक परिवार INLD में शामिल हो गए.