जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित राज्यस्तरीय सांस्कृतिक कार्यक्रम “अनुगूंज” का आयोजन 28 अक्टूबर शाम 5:30 बजे भोपाल के शासकीय सुभाष उत्कृष्ट विद्यालय, शिवाजी नगर में होगा। इस विशेष कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे, जबकि जनजातीय कार्य मंत्री कुँवर विजय शाह और स्कूल शिक्षा एवं परिवहन मंत्री उदय प्रताप सिंह विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे।
🔹 विद्यार्थियों की प्रतिभा का रंगीन उत्सव
“अनुगूंज” का उद्देश्य सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को मंच देकर उनकी रचनात्मक और सांस्कृतिक प्रतिभा को प्रोत्साहित करना है। इस कार्यक्रम में भोपाल सहित प्रदेश के विभिन्न अंचलों से लगभग 500 विद्यार्थी हिस्सा ले रहे हैं। सिर्फ एक महीने की तैयारी में इन विद्यार्थियों ने अपने आत्मअनुशासन, लगन और उत्साह के साथ विभिन्न कला रूपों में खुद को तैयार किया है।
🔹 दो भागों में बंटा रहेगा कार्यक्रम
अनुगूंज का आयोजन दो भागों में किया जा रहा है — पहला भाग “धनक”, जिसमें भारत की विविध शास्त्रीय और लोक कलाओं का प्रदर्शन होगा। इसमें वाद्य संगीत, ओडिसी, भरतनाट्यम, कथक और मणिपुरी नृत्य की अद्भुत प्रस्तुतियाँ दर्शकों को भारतीय संस्कृति की विविधता से रूबरू कराएंगी।
दूसरा भाग “रंगकार” शीर्षक के अंतर्गत होगा, जिसमें विद्यार्थियों द्वारा तैयार नाटक “ताना-बाना टूट न जाए” का मंचन किया जाएगा। यह नाटक सामाजिक संदेश और मानवीय संवेदनाओं से जुड़ा है, जिसे विद्यार्थी अपने अभिनय से जीवंत करेंगे।
🔹 प्रसिद्ध कलाकारों ने संभाला मेंटरशिप का दायित्व
स्कूल शिक्षा विभाग ने इस कार्यक्रम की तैयारी के लिए देश के नामचीन कलाकारों और रंगकर्मियों को मेंटर्स के रूप में जोड़ा है।
इनमें शामिल हैं —
-
सुप्रसिद्ध संगीतकार मॉरिस लाजरस
-
ओडिसी नृत्य की अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त गुरू बिंदु जुनेजा
-
भरतनाट्यम की शीर्ष नृत्यांगना भारती होम्बल
-
कथक की प्रसिद्ध नृत्य गुरू पद्मजा रघुवंशी
-
मणिपुरी नृत्य के आचार्य एम.के. होजाइनगम्बा सिंह
-
रंग निर्देशक सादात भारती
-
और मंच संचालन के लिए ख्यात विनय उपाध्याय
इन सभी कलाकारों ने विद्यार्थियों को न केवल कला में पारंगत किया है, बल्कि उनके आत्मविश्वास और अभिव्यक्ति को भी निखारा है।
🔹 महाकाल लोक की तर्ज पर बना मंच
कार्यक्रम का मंच “एक भारत-श्रेष्ठ भारत” की भावना को साकार करता है। इसकी खासियत यह है कि इसका डिज़ाइन उज्जैन के महाकाल लोक से प्रेरित है। मंच पर बनाई गई संरचनाएं और कलात्मक सजावट प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करेंगी।
“अनुगूंज” सिर्फ एक सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि स्कूल शिक्षा विभाग का एक रचनात्मक और शैक्षणिक प्रयास है। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों की पढ़ाई के साथ-साथ उनकी रचनात्मकता, टीमवर्क और आत्मविश्वास को भी प्रोत्साहित करना है। इस पहल के माध्यम से शिक्षा विभाग यह संदेश देना चाहता है कि विद्यालय सिर्फ ज्ञान का केंद्र नहीं, बल्कि संस्कृति, कला और व्यक्तित्व निर्माण का भी माध्यम हैं।