मध्यप्रदेश में मानसून की विदाई के बीच बारिश का दौर: इंदौर में मासूम की मौत, उज्जैन-भोपाल में बाढ़ जैसे हालात!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

मध्यप्रदेश में मानसून की विदाई भले ही नजदीक हो, लेकिन बारिश का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। बुधवार शाम से देर रात तक भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर और नर्मदापुरम समेत 25 जिलों में गरज-चमक के साथ तेज बरसात हुई। कहीं सड़कें जलमग्न हो गईं तो कहीं नाले उफान पर आ गए।

इंदौर में मासूम की दर्दनाक मौत

इंदौर में बारिश का सबसे भयावह असर सामने आया। बुधवार रात ओमेक्स सिटी इलाके में 8 साल का राजवीर मालवीय तेज बहाव में नाले में बह गया। परिजन ने तुरंत पुलिस को सूचना दी, लेकिन अंधेरा और पानी का जोर इतना था कि रातभर तलाश नहीं हो सकी। गुरुवार सुबह एसडीआरएफ और पुलिस की टीम ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया और करीब 9 बजे बच्चे का शव बरामद किया। इस घटना से इलाके में मातम छा गया।

भोपाल: 4 घंटे में ढाई इंच बारिश, भदभदा डैम का गेट खोला

राजधानी भोपाल में शाम 7:30 बजे से रात 11:30 बजे तक सिर्फ चार घंटे में 2.5 इंच पानी गिरा। इससे सड़कों पर जगह-जगह जाम लग गया। बड़ा तालाब फिर से लबालब भर गया, जिसके चलते भदभदा डैम का एक गेट चौथी बार खोलना पड़ा। बारिश का यह दौर गुरुवार सुबह तक जारी रहा और शहर में उमस व जलभराव की स्थिति बनी रही।

उज्जैन: शिप्रा में बाढ़, रामघाट के मंदिरों में पानी घुसा

उज्जैन में तेज बरसात के बाद शिप्रा नदी उफान पर आ गई। रामघाट स्थित कई मंदिरों में पानी घुस गया। श्रद्धालु और स्थानीय लोग परेशानी में आ गए। प्रशासन ने नदी किनारे सावधानी बरतने की अपील की है। मौसम विभाग का कहना है कि मानसून की विदाई के बावजूद उज्जैन में इस महीने सामान्य से दोगुनी बारिश हो रही है।

प्रदेशभर में बारिश के आंकड़े

  • भोपाल: 2.5 इंच

  • शाजापुर: 2.1 इंच

  • इंदौर: 2 इंच

  • उमरिया: 1.9 इंच

  • उज्जैन व सिवनी: 1.8 इंच

  • रीवा: 1.6 इंच

  • टीकमगढ़: 1.3 इंच

इसके अलावा रायसेन, सागर, छतरपुर, छिंदवाड़ा, दतिया, बैतूल, सीधी, नरसिंहपुर, गुना, दमोह, विदिशा और सीहोर सहित कई जिलों में हल्की से मध्यम बारिश हुई।

मौसम वैज्ञानिकों का पूर्वानुमान

मौसम विभाग के अनुसार, इस समय प्रदेश में दो साइक्लोनिक सर्कुलेशन और एक ट्रफ की एक्टिविटी बनी हुई है। इसी कारण कई जिलों में बारिश का दौर जारी है। अगले 24 घंटों में नया सिस्टम एक्टिव होगा, जिससे फिर से पानी गिर सकता है।

हालांकि विभाग ने अगले 4 दिनों तक भारी बारिश का अलर्ट जारी नहीं किया है, लेकिन लोकल सिस्टम की वजह से कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ पानी गिर सकता है।

मानसून का हाल और वापसी की संभावना

  • प्रदेश में अब तक औसतन 42.7 इंच बारिश दर्ज हो चुकी है, जबकि सामान्य कोटा 35.6 इंच का है। यानी अब तक 7.1 इंच ज्यादा पानी गिर चुका है।

  • मध्यप्रदेश में मानसून 16 जून को सक्रिय हुआ था।

  • आधे राजस्थान, गुजरात, पंजाब और हरियाणा से मानसून लौट चुका है। मौसम विभाग का अनुमान है कि मध्यप्रदेश में 30 सितंबर के आसपास मानसून की वापसी शुरू हो सकती है।

उज्जैन का रिकॉर्ड

उज्जैन की सामान्य बारिश 34.8 इंच है, लेकिन 1961 में सितंबर माह में ही 43 इंच बारिश दर्ज हुई थी। वहीं, 27 सितंबर 1961 को 24 घंटे में 5.5 इंच पानी गिरा था। इस साल भी सितंबर में सामान्य से ज्यादा बारिश हो चुकी है।

आगे क्या?

मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि मानसून की विदाई के समय भी एक और दौर प्रदेशभर में भारी बारिश ला सकता है। फिलहाल लोगों को अगले कुछ दिनों तक बदलते मौसम—कहीं धूप, कहीं बूंदाबांदी और कहीं गरज-चमक के साथ तेज पानी—के लिए तैयार रहना होगा।

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