एअर इंडिया प्लेन क्रैश: ब्लैक बॉक्स का डेटा रिकवर, जल्द होगा बड़ा खुलासा; प्लेन से दो ब्लैक बॉक्स सेट (CVR और DFDR) किए गए थे बरामद!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

12 जून 2025 की सुबह भारत के इतिहास में एक और भीषण हवाई हादसे की तारीख बन गई, जब अहमदाबाद से लंदन जा रही एअर इंडिया की फ्लाइट AI-171 उड़ान भरते ही क्रैश हो गई। बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान बीजे मेडिकल कॉलेज और सिविल हॉस्पिटल के हॉस्टल की बिल्डिंग से टकरा गया, जिसमें कुल 275 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। विमान में 241 लोग सवार थे, जिनमें से 229 यात्री, 10 केबिन क्रू और 2 पायलट थे। साथ ही हॉस्टल और आसपास मौजूद अन्य 34 लोग भी इस त्रासदी की चपेट में आ गए। एकमात्र यात्री जीवित बचा, लेकिन बाकी सभी ने मौके पर या अस्पताल में दम तोड़ दिया।

सरकारी एजेंसियों ने हादसे के बाद तेजी से राहत और जांच कार्य शुरू किया। अब इस हादसे से जुड़ा सबसे अहम सुराग—ब्लैक बॉक्स का डेटा—रिकवर कर लिया गया है। सरकारी बयान के अनुसार, ब्लैक बॉक्स के मेमोरी मॉड्यूल का एक्सेस मिल गया है और डेटा को सफलतापूर्वक डाउनलोड कर लिया गया है। यह जानकारी गुरुवार को साझा की गई। जांच अब एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) के विशेषज्ञों द्वारा की जाएगी। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि ब्लैक बॉक्स विदेश नहीं भेजा जाएगा, इसकी जांच दिल्ली स्थित अत्याधुनिक लैब में की जाएगी।

हादसे के बाद प्लेन से दो ब्लैक बॉक्स सेट (CVR और DFDR) बरामद किए गए थे। एक 13 जून को और दूसरा 16 जून को मिला। CVR यानी कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर, पायलटों की बातचीत को रिकॉर्ड करता है, जबकि DFDR यानी फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर, विमान की गति, ऊंचाई, इंजन परफॉर्मेंस जैसे तकनीकी डेटा को संरक्षित करता है। इन दोनों की मदद से यह जानने की कोशिश की जा रही है कि क्या तकनीकी खराबी थी, पायलट की कोई चूक थी, या फिर बाहरी कारणों से यह भीषण दुर्घटना हुई।

ब्लैक बॉक्स क्या है और यह कितना महत्वपूर्ण है?

ब्लैक बॉक्स दरअसल एक बेहद मजबूत इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस होता है जिसे खास तौर पर विमान हादसों से पहले के पलों को रिकॉर्ड करने के लिए बनाया जाता है। ये दो भागों में होता है—CVR और FDR। इसका रंग नारंगी होता है ताकि मलबे में आसानी से पहचाना जा सके। इसे विमान के सबसे सुरक्षित हिस्से यानी टेल सेक्शन में लगाया जाता है ताकि हादसे में भी यह सुरक्षित रह सके। यह 1100°C तक की गर्मी और 14,000 फीट तक की पानी की गहराई के दबाव को सह सकता है।

भारत में हादसों की जांच की नई शुरुआत

यह पहला अवसर है जब भारत ने किसी बड़े हवाई हादसे की ब्लैक बॉक्स जांच को पूरी तरह देश में ही करने का निर्णय लिया है। दिल्ली में हाल ही में स्थापित DFDR & CVR लैब अब ऐसे हादसों के कारणों का बारीकी से अध्ययन करने के लिए पूरी तरह सक्षम है। इससे जांच में पारदर्शिता और आत्मनिर्भरता दोनों बढ़ेंगी।

दर्दनाक हकीकत: शवों की पहचान और अंतिम आंकड़े

22 जून को अहमदाबाद सिविल अस्पताल के अधीक्षक डॉ. राकेश जोशी ने बताया कि हादसे में 251 शवों की डीएनए जांच से पहचान हो चुकी है और उनमें से 245 को उनके परिजनों को सौंप दिया गया है। 6 शव ब्रिटेन के नागरिकों के हैं, जिन्हें जल्द ही उनके परिवारों को सौंपा जाएगा। शेष शवों की पहचान और प्रक्रिया जारी है। अस्पताल प्रबंधन ने यह भी कहा कि कुल मौतों का अंतिम आंकड़ा सभी डीएनए टेस्ट के बाद ही पूरी तरह से स्पष्ट हो पाएगा।

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