जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
भोपाल में विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होने से पहले ही पूरा परिसर कड़े सुरक्षा घेरे में तब्दील कर दिया गया है। विधानसभा सचिवालय ने इस बार ऐसी व्यवस्थाएं की हैं, जो बीते वर्षों में कम ही देखी गईं। शनिवार को जब आम दिनों की तरह परिसर में चहल-पहल होनी चाहिए थी, वहां सिर्फ पुलिस की गाड़ियाँ, अफसरों की सुरक्षा रिहर्सल और सन्नाटा नज़र आया। दरअसल, सोमवार से शुरू हो रहे सत्र में विपक्ष—खासकर कांग्रेस के तीव्र विरोध और संभावित हंगामे की आशंका को देखते हुए इस बार सुरक्षा प्रबंधों में कोई ढील नहीं बरती गई है।
इस बार सिर्फ सुरक्षा ही नहीं, बल्कि विधानसभा परिसर में नारेबाजी और प्रदर्शन जैसी गतिविधियों पर भी सख्ती दिखाई गई है। विधानसभा अध्यक्ष के निर्देश पर प्रमुख सचिव ने यह स्पष्ट कर दिया है कि परिसर में किसी भी प्रकार का प्रदर्शन, नारा या समूह में विरोध प्रतिबंधित रहेगा। यह फैसला राजनीतिक दृष्टि से अहम माना जा रहा है, क्योंकि सत्र के दौरान विपक्ष कई मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की तैयारी में है।
परिसर में प्रवेश भी अब आसान नहीं रहा। शनिवार को देखा गया कि गेट नंबर 1, 2, 4 और 5 पूरी तरह बंद रखे गए। केवल गेट नंबर 3 से अधिकारियों और सुरक्षा कर्मियों की आवाजाही होती रही। साथ ही परिसर के सभी सामान्य कार्यालय—यहां तक कि मीडिया कार्यालय भी बंद रहे। मीडिया पास बनवाने पहुंचे कई पत्रकारों को यह कहकर लौटा दिया गया कि पास अब रविवार दोपहर से ही दिए जाएंगे। अन्य समितियों से जुड़े कार्यालय भी इस निर्देश के चलते बंद रहे, जिससे कई कर्मचारी और आगंतुक असमंजस में दिखे।
अब परिसर में आने वाले वाहनों के लिए भी नए नियम लागू किए गए हैं। किसी भी वाहन में लाल, पीली या नीली बत्ती नहीं होनी चाहिए। हूटर लगे वाहनों को सख्त रूप से रोका जाएगा। एलपीजी और सीएनजी वाहनों को सिर्फ तब ही प्रवेश मिलेगा जब उनके पास आरटीओ से स्वीकृति हो। बिना नंबर या अनधिकृत गैस चालित वाहन परिसर में घुस नहीं सकेंगे। निजी ऑटो रिक्शा को भी पूरी तरह बैन कर दिया गया है।
सुरक्षा में लगे अंगरक्षकों पर भी सख्त नियम लागू हुए हैं। अब न तो भारी हथियार लेकर कोई अंगरक्षक परिसर में आ सकेगा, और न ही विधायक की ड्यूटी में लगे अंगरक्षकों को परिसर में घुसने की अनुमति होगी। सिर्फ वैध पास वाले अंगरक्षक और सहायक ही परिसर के नए बने शेड में बैठ सकेंगे।
किसको कहां से मिलेगी एंट्री – इसके भी निर्देश साफ कर दिए गए हैं। विधानसभा अध्यक्ष गेट नंबर 1 से प्रवेश करेंगे और गेट नंबर 3 से बाहर निकलेंगे। वहीं, विधायक और अधिकारी भी गेट नंबर 1 से प्रवेश करके गेट 3 से बाहर होंगे। पत्रकारों और दोपहिया वाहनों को गेट नंबर 5 से आने-जाने की अनुमति दी गई है, जबकि विशेष आगंतुक और मंत्री गेट नंबर 1 या 3 से प्रवेश कर सकेंगे।
इस तरह, मध्यप्रदेश विधानसभा अब एक ‘हाई-सिक्योरिटी जोन’ की तर्ज़ पर संचालित हो रहा है। आने वाले दिनों में यदि राजनीतिक हलचल बढ़ती है, तो यह व्यवस्था और भी कड़ी हो सकती है। फिलहाल जो तस्वीर है, वह बताती है कि इस बार का मानसून सत्र सिर्फ विधान से नहीं, व्यवस्था और नियंत्रण से भी जुड़ा हुआ है।