जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
बागेश्वर धाम के पीठाधीश पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अपने बयानों के चलते अक्सर सुर्खियों में बने रहते हैं। उन्होंने हाल ही में एक ऐसा बयान दिया है, जिसने उन्हें फिर से चर्चा में ला दिया है। इस बार, पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने दिवाली पर पटाखों के प्रतिबंध पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। दरअसल, इस दिवाली कई राज्यों ने पर्यावरण और स्वास्थ्य के मुद्दों को ध्यान में रखते हुए पटाखों पर प्रतिबंध लगाया है। दिल्ली, महाराष्ट्र और बिहार जैसे प्रमुख राज्यों सहित कुल सात राज्यों ने वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पटाखों के उपयोग पर पूरी तरह से रोक या सख्त सीमा पाबंदी दी है।
मीडिया से चर्चा में पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि, “यह इस देश का दुर्भाग्य है कि जब भी सनातन हिंदू धर्म के त्योहार आते हैं, कोई न कोई कानून के उल्लंघन की बात करता है, रोक लगाता है, रोक लगाने की मांग करता है।” उन्होंने बकरीद में होने वाली जीव हिंसा का उदाहरण देते हुए कहा कि अक्सर यह कहा जाता है कि दिवाली के समय जलाए जाने वाले तेल के दिए कितने गरीबों के कल्याण में सहायक हो सकते हैं। लेकिन मैं उनसे कहता हूँ कि इस देश में बकरीद भी तो मनाई जाती है, तो उसे बंद करवा दो। क्योंकि बकरीद में जो लाखों रुपयों के बकरे काटे जाते हैं, उन रुपयों को गरीबों में बांटकर उनका भला कर सकते हैं। साथ ही ऐसा करने से जीव हिंसा भी बचेगी।
उन्होंने आगे कहा कि दिवाली और होली पर सवाल उठाने वालों का ज्ञान बकरीद और न्यू ईयर पर गायब हो जाता है। एक जनवरी को हैप्पी न्यू ईयर के नाम पर पटाखे फोड़े जाते हैं, तब इनका ज्ञान कहां जाता है? तब प्रदूषण नहीं होता है, दिवाली आते ही प्रदूषण हो जाता है। पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि हिंदू त्योहार पर दोगलापन बंद होना चाहिए।