जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
भोपाल में मेट्रो चलने का सपना अब पूरा होने के बेहद करीब है। कमिश्नर ऑफ मेट्रो रेल सेफ्टी (CMRS) की टीम बुधवार रात राजधानी पहुंची और गुरुवार सुबह से निरीक्षण कार्य शुरू कर दिया। यह दौरा दो दिन तक चलेगा। टीम मेट्रो डिपो, ट्रैक, स्टेशन और ट्रेन के हर छोटे-बड़े पहलू की जांच करेगी। मेट्रो की सुरक्षा और संचालन की अनुमति केवल इसी निरीक्षण के बाद मिलती है।
डिपो और ट्रेन का बारीकी से परीक्षण
कमिश्नर जनक कुमार गर्ग के नेतृत्व में आई टीम सबसे पहले डिपो पहुंची। यहां मेट्रो के तकनीकी और मैकेनिकल सिस्टम, सॉफ्टवेयर, पावर सप्लाई और कंट्रोल सिस्टम की बारीकी से जांच की गई। टीम ने ट्रेन में सफर भी किया और कोच के भीतर सभी सुविधाओं और सुरक्षा इंतज़ामों का जायजा लिया।
मेट्रो अधिकारियों का कहना है कि यदि निरीक्षण के दौरान सबकुछ मानकों पर खरा उतरता है तो सीएमआरएस “ओके रिपोर्ट” जारी करेगा। इसके बाद मेट्रो के कमर्शियल रन की तारीख फाइनल कर दी जाएगी।
सुरक्षा पर होगी सबसे ज्यादा नजर
सीएमआरएस का यह दौरा बेहद अहम है, क्योंकि यह सीधे आम यात्रियों की सुरक्षा से जुड़ा है। टीम ट्रैक के नट-बोल्ट तक जांच रही है, सिग्नलिंग सिस्टम, एंट्री-एग्जिट गेट्स, ब्रिज और स्टेशनों की मजबूती भी परखी जाएगी। अगर कहीं खामी पाई गई तो उसे मौके पर ही दुरुस्त करने के निर्देश दिए जाएंगे।
अक्टूबर में प्रस्तावित उद्घाटन
जानकारी के मुताबिक, अक्टूबर में भोपाल मेट्रो का कमर्शियल रन शुरू होने की संभावना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मेट्रो को हरी झंडी दिखाएंगे और संभव है कि वे मेट्रो के पहले यात्री भी बनें। इससे पहले 31 मई को इंदौर मेट्रो को भी भोपाल से ही हरी झंडी दिखाई गई थी।
पहले ही मिल चुकी है RDSO की हरी झंडी
भोपाल मेट्रो को लेकर रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड्स ऑर्गेनाइजेशन (RDSO) पहले ही ओके रिपोर्ट दे चुका है। इसके बाद सीएमआरएस को दस्तावेज सौंपे गए और अब 25-26 सितंबर को निरीक्षण की प्रक्रिया हो रही है।
साल 2018 में शुरू हुआ था काम
भोपाल मेट्रो का पहला रूट एम्स से करोंद तक 16.05 किलोमीटर लंबा है। 2018 में प्राथमिकता कॉरिडोर के तौर पर एम्स से सुभाष नगर (6.22 किमी) तक काम शुरू हुआ था। फिलहाल सुभाष नगर से रानी कमलापति स्टेशन तक का काम पूरा हो चुका है, जबकि अलकापुरी, एम्स और डीआरएम स्टेशनों पर काम अंतिम चरण में है। इसके अलावा मेट्रो ट्रैक पर दो स्टील ब्रिज भी तैयार किए गए हैं।
दो साल पहले हुई थी पहली ट्रायल रन
राजधानी में मेट्रो का पहला ट्रायल 3 अक्टूबर 2023 को हुआ था। उस समय तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सुभाष नगर से रानी कमलापति स्टेशन तक मेट्रो में सफर किया था। अब नियमित संचालन शुरू होने से राजधानी की ट्रांसपोर्ट व्यवस्था में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।