जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
गुजरात आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु से 30 वर्षीय महिला शमा परवीन को गिरफ्तार किया है। हेब्बल इलाके से गिरफ्तार की गई परवीन पर अल-कायदा से जुड़े एक अंतरराज्यीय आतंकी मॉड्यूल का हिस्सा होने का आरोप है। यह गिरफ्तारी 29 जुलाई को की गई और इसके साथ ही भारत में आतंकी संगठनों द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से महिलाओं को कट्टरपंथी विचारधारा से जोड़ने के नए ट्रेंड की पुष्टि हुई है।
गुजरात ATS के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल (DIG) सुनील जोशी ने बताया कि शमा परवीन की भर्ती और कट्टरपंथीकरण सोशल मीडिया के जरिए हुआ था। उसे युवाओं को भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल करने और कट्टरपंथ फैलाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। शुरुआती पूछताछ में सामने आया है कि परवीन का संपर्क पहले से गिरफ्तार किए गए चार आतंकियों से भी था, जिन्हें 23 जुलाई को नोएडा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और गुजरात से पकड़ा गया था। इन्हीं की निशानदेही पर बेंगलुरु में यह कार्रवाई की गई।
महिला स्लीपर सेल की सक्रियता
इस गिरफ्तारी से यह भी स्पष्ट संकेत मिले हैं कि आतंकी संगठन अब महिलाओं को भी अपने स्लीपर सेल का हिस्सा बना रहे हैं। परवीन जैसे मामलों से यह अनुमान लगाया जा सकता है कि भविष्य में आतंकी गतिविधियों में महिलाओं की भागीदारी पहले से अधिक संगठित और गंभीर हो सकती है। सुरक्षा एजेंसियां अब महिला नेटवर्क की छानबीन भी तेज़ी से कर रही हैं।
कौन है AQIS और कितना खतरनाक है यह संगठन?
अल कायदा इन इंडियन सबकॉन्टिनेंट (AQIS) की स्थापना वर्ष 2014 में अल-जवाहिरी ने भारतीय उपमहाद्वीप में अपने प्रभाव को फैलाने के उद्देश्य से की थी। AQIS तालिबान के प्रभाव वाले अफगानिस्तान के इलाकों से ऑपरेट करता है। इस संगठन का पहला प्रमुख असीम उमर भारतीय मूल का था, जिसे 2019 में अमेरिकी-अफगान सेना ने मार गिराया था। इसके बाद संगठन की कमान ओसामा महमूद ने संभाली, जो पाकिस्तान में जन्मा है।
AQIS वर्तमान में भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, म्यांमार और बांग्लादेश जैसे देशों में सक्रिय है। भारत में इसकी सक्रियता पहली बार 2015 में उजागर हुई, जब दिल्ली पुलिस ने तीन आतंकियों को गिरफ्तार किया था। इसके बाद कई राज्यों में AQIS से जुड़े मॉड्यूल पकड़े गए — जिनमें उत्तर प्रदेश, असम और पश्चिम बंगाल प्रमुख हैं।
पिछले कुछ वर्षों में AQIS ने झारखंड, यूपी और असम जैसे राज्यों में अपने ठिकाने बनाने की कोशिश की है। असम में अप्रैल 2022 में इस नेटवर्क के छह सदस्यों को गिरफ्तार किया गया, जिन पर आतंकियों के लिए एक लॉजिस्टिक बेस तैयार करने का आरोप था। असम सरकार ने इस नेटवर्क को पूरी तरह खत्म करने के लिए विशेष अभियान भी चलाया।
शमा परवीन की गिरफ्तारी इस बात का संकेत है कि आतंकवादी संगठनों ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है। अब वे महिला कट्टरपंथियों को भी प्रशिक्षण देकर उन्हें भारत के भीतर सक्रिय नेटवर्क का हिस्सा बना रहे हैं। परवीन सोशल मीडिया के जरिए युवाओं को बहकाने, कट्टर विचारधारा फैलाने और संगठन के लिए सहानुभूति जुटाने जैसे कामों में सक्रिय थी।
ATS अधिकारी अब परवीन से पूछताछ कर उसके संपर्कों, योजनाओं और संभावित हमलों की जानकारी जुटा रहे हैं। शुरुआती जानकारी के अनुसार, परवीन सिर्फ एक संपर्क कड़ी नहीं थी, बल्कि उसने कई लोगों को इस नेटवर्क से जोड़ने में भी भूमिका निभाई है। ऐसे में आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां संभव हैं।