मध्यप्रदेश में किसानों के लिए बड़ी राहत! CM मोहन यादव ने अतिवृष्टि और बाढ़ प्रभावित किसानों के खातों में ट्रांसफर किए 653.34 करोड़ रुपये, किसानों ने कहा – “सरकार ने दीवाली से पहले दीवाली कराई”!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

भोपाल। मध्यप्रदेश के किसानों के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को बड़ी घोषणा की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पहली बार सोयाबीन फसल में पीला मोजेक रोग लगने पर सीधे राहत राशि दे रही है। सीएम ने भरोसा दिलाया कि “सरकार के पास धन की कोई कमी नहीं है। हर किसान को उसकी उपज का पूरा मूल्य और भावांतर की राशि समय पर मिलेगी।”

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने सिंगल क्लिक के जरिए अतिवृष्टि और बाढ़ से प्रभावित किसानों के खातों में 653.34 करोड़ रुपये की राहत राशि ट्रांसफर की। इसके बाद उन्होंने किसानों से संवाद भी किया और उन्हें “देश की रीढ़” बताते हुए कहा कि जैसे सीमा पर सैनिक राष्ट्र की रक्षा करते हैं, वैसे ही खेतों में किसान अनवरत परिश्रम कर देशवासियों का पेट भरते हैं।

किन किसानों को मिली राहत राशि?

सरकारी आंकड़ों के अनुसार 13 जिलों की 52 तहसीलों के करीब 8.84 लाख किसानों को यह राहत दी गई है। इनमें मंदसौर, नीमच, विदिशा, रतलाम, सिवनी, बड़वानी, दमोह, बुरहानपुर, मंडला, उज्जैन, खंडवा और शहडोल शामिल हैं।

सीएम यादव ने बताया कि अकेले छह जिलों में अब तक 322 करोड़ रुपये सोयाबीन प्रभावित किसानों को बांटे जा चुके हैं। उन्होंने कहा – “हमने किसानों के लिए कभी वार-त्योहार नहीं देखा। किसानों की समस्या सरकार की पहली प्राथमिकता है।”

किसानों की प्रतिक्रियाएं – “सरकार ने दीवाली से पहले दीवाली कराई”

मंदसौर के किसान रामदास बैरागी ने कहा कि पहली बार पीला मोजेक पर चिंता जताते हुए सरकार ने राहत राशि दी है। “सरकार ने बुरे समय में मदद कर दी, यह हमारे लिए दीवाली से पहले दीवाली है।”

गरोठ के किसान ओमप्रकाश ने बताया कि उन्हें 63 हजार रुपये मिले हैं, जबकि सुनीता शर्मा ने सीएम को धन्यवाद देते हुए कहा – “सरकार ने किसानों की बल्ले-बल्ले कर दी है।”

रतलाम जिले के किसानों को 171 करोड़ रुपये बांटे गए हैं। सीएम ने घोषणा की कि वे 10 अक्टूबर को रतलाम आकर किसान सम्मेलन में शामिल होंगे।

नीमच में कांग्रेस पर निशाना

नीमच जिले में किसानों से चर्चा के दौरान भाजपा नेताओं ने कहा कि कांग्रेस विरोध की तैयारी में थी, लेकिन सरकार ने समय रहते राहत देकर उनका मुंह बंद कर दिया। यहां किसानों को 119 करोड़ रुपये की सहायता दी गई।

बुरहानपुर में केले की फसल पर मुआवजा

केवल सोयाबीन ही नहीं, बुरहानपुर जिले के केले की फसल प्रभावित किसानों को भी मुआवजा दिया गया। विधायक अर्चना चिटनिस ने बताया कि एक किसान को 3.60 लाख रुपये की सहायता मिली है। सीएम ने यहां तक कहा कि केले के तनों और शाखाओं का उपयोग कपड़ा बनाने वाली फैक्ट्रियों में किया जाएगा।

उज्जैन और विदिशा के किसानों ने जताया आभार

उज्जैन और विदिशा जिले के किसानों ने राहत राशि मिलने पर कहा कि सरकार ने दशहरे के दिन ही दीवाली मना दी। किसान पवन सिंह और मनोज सिंह ने कहा – “ऐसा लगता है कि सरकार साथ है और हमें हाथ पकड़कर आगे बढ़ा रही है।”

सीएम ने किसानों को पंजीयन कराने की अपील की और कहा कि भावांतर भुगतान योजना के तहत हर किसान को फसल का घाटा पूरा कराया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट कहा – “किसी किसान को एक रुपये का भी नुकसान नहीं होने देंगे।”

 इस तरह, एक तरफ जहां सरकार ने प्राकृतिक आपदाओं और बीमारियों से प्रभावित किसानों को राहत दी है, वहीं दूसरी ओर भावांतर जैसी योजनाओं के जरिए किसानों को बेहतर मूल्य दिलाने का आश्वासन भी दिया है।

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