झारखंड पुलिस की बड़ी सफलता: एनकाउंटर में ढेर झारखंड का कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू, पुलिस पर बमबारी के बाद मारा गया; पुलिस के निशाने पर अब पूरा गिरोह

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

झारखंड के सबसे खतरनाक गैंगस्टरों में शामिल अमन साहू का मंगलवार सुबह पुलिस एनकाउंटर में अंत हो गया। झारखंड पुलिस की एटीएस टीम जब रायपुर जेल से उसे लेकर रांची जा रही थी, तभी उसके गुर्गों ने उसे छुड़ाने के लिए पुलिस काफिले पर हमला कर दिया। पलामू जिले के चैनपुर-रामगढ़ रोड पर अन्हारी ढ़ोढ़ा घाटी में स्कॉर्पियो पर बम बरसाए गए, जिससे पुलिस टीम अचानक हमले की चपेट में आ गई।

इसी अफरातफरी में अमन साहू ने हवलदार राकेश कुमार की राइफल छीनकर फायरिंग करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने मुस्तैदी दिखाते हुए जवाबी फायरिंग में उसे मौके पर ही ढेर कर दिया। एनकाउंटर के दौरान हवलदार राकेश कुमार के पैर में गोली लगी, जिन्हें इलाज के लिए पलामू के एमएमसीएच अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

घटनास्थल चारों तरफ से जंगलों से घिरा था, जहां मोबाइल नेटवर्क की भी समस्या थी। पुलिस को पहले से अंदेशा था कि अमन के गुर्गे उसे छुड़ाने की कोशिश कर सकते हैं, लेकिन इतनी बड़ी साजिश की उम्मीद किसी को नहीं थी। जैसे ही पुलिस की गाड़ियां घाटी में पहुंचीं, घात लगाए बदमाशों ने बम फेंकने शुरू कर दिए। पूरे इलाके में धमाकों की गूंज सुनाई देने लगी। पुलिस ने मोर्चा संभाला, मगर तभी अमन ने एक हवलदार से हथियार छीनकर गोलियां बरसाने की कोशिश की। लेकिन इससे पहले कि वह किसी पुलिसकर्मी को नुकसान पहुंचा पाता, पुलिस की सटीक फायरिंग ने उसे हमेशा के लिए खत्म कर दिया।

वहीं, अमन साहू के एनकाउंटर के बाद पुलिस प्रशासन हाई अलर्ट पर है। घटनास्थल के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है और अमन के उन गुर्गों की तलाश जारी है, जिन्होंने उसे छुड़ाने की साजिश रची थी। पुलिस अब उसके गिरोह को जड़ से खत्म करने की तैयारी में जुट गई है। झारखंड पुलिस के लिए यह एक बड़ी सफलता मानी जा रही है, क्योंकि अमन साहू की दहशत ने पूरे राज्य में आतंक फैला रखा था।

झारखंड का सबसे बड़ा गैंगस्टर- अमन साहू! 

अमन साहू सिर्फ एक गैंगस्टर नहीं, बल्कि झारखंड पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन चुका था। उसका नाम सुनते ही कोयला कारोबारी, बिल्डर, ट्रांसपोर्टर और ठेकेदार कांप जाते थे। रंगदारी न देने वालों पर वह दिनदहाड़े गोलियां चलवाता था और अपने गैंग के गुर्गों से सोशल मीडिया पर पोस्ट करवाकर पुलिस और प्रशासन को खुली चुनौती देता था।

बता दें, अमन साहू का जन्म 1995 में झारखंड के रांची जिले के बुढ़मू गांव में हुआ था। 2010 में उसने 78% अंकों के साथ मैट्रिक पास किया और फिर पंजाब के मोहाली से इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी में डिप्लोमा किया। पढ़ाई में तेज था, लेकिन अपराध की दुनिया की तरफ उसका झुकाव बचपन से ही था। 2012 में झारखंड जनमुक्ति मोर्चा के सुप्रीमो कुलेश्वर सिंह से मुलाकात के बाद वह अपराध की दलदल में कूद पड़ा। 2015 में जेल जाने के बाद उसने सुजीत सिन्हा और मयंक सिंह जैसे कुख्यात अपराधियों से दोस्ती कर ली और धीरे-धीरे झारखंड का सबसे खतरनाक गैंगस्टर बन गया।

चुनाव लड़ना चाहता था गैंगस्टर, लेकिन कोर्ट ने झटका दिया

अमन साहू ने झारखंड विधानसभा चुनाव में बड़कागांव सीट से चुनाव लड़ने की योजना बना ली थी। इसके लिए उसने नामांकन पत्र भी खरीदा और झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सजा पर रोक लगाने की मांग की। लेकिन कोर्ट ने उसकी याचिका खारिज करते हुए साफ कहा कि उसके खिलाफ 120 से अधिक संगीन आपराधिक मामले दर्ज हैं।

 

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