जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
कोलकाता के प्रतिष्ठित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (IIM) के परिसर में कथित रेप की घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। लेकिन अब इस मामले में एक हैरान कर देने वाला मोड़ आ गया है। पीड़िता के पिता ने दावा किया है कि उनकी बेटी के साथ कोई रेप नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी ऑटो से गिरकर बेहोश हो गई थी और उसे किसी दबाव में आकर पुलिस स्टेशन में शिकायत लिखनी पड़ी।
दरअसल, मामला 11 जुलाई का है जब पीड़िता, जो पेशे से काउंसलर है, वह आरोपी MBA लास्ट ईयर के छात्र महावीर टोप्पन्नावर उर्फ परमानंद जैन से सोशल मीडिया पर हुई पहचान के बाद उसके हॉस्टल में काउंसलिंग के लिए पहुंची थी। पीड़िता की शिकायत के मुताबिक, हॉस्टल पहुंचते ही आरोपी ने उसे पिज्जा ऑफर किया। जैसे ही उसने पानी पिया, वह बेहोश हो गई। जब उसे होश आया तो उसने खुद को आपत्तिजनक हालत में पाया और दावा किया कि उसके साथ बलात्कार हुआ है। इतना ही नहीं, आरोपी ने उसे धमकाया भी कि यदि उसने इस घटना के बारे में किसी को बताया तो गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
पुलिस ने इस शिकायत के आधार पर महावीर को गिरफ्तार कर लिया और कोर्ट ने उसे 19 जुलाई तक पुलिस कस्टडी में भेज दिया। वहीं पुलिस ने घटना की जांच के लिए 9 सदस्यीय स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) गठित की है।
लेकिन इसी बीच, जब इस मामले ने तूल पकड़ा, तो पीड़िता के पिता ने मीडिया को दिए बयान में चौंकाने वाला दावा किया। उन्होंने कहा, “मेरी बेटी ने बताया कि किसी ने उसके साथ कोई दुर्व्यवहार या प्रताड़ना नहीं की। वह आरोपी को पहचानती भी नहीं है। उसे पुलिस स्टेशन में शिकायत लिखने के लिए कहा गया था और उसने लिख दिया।” उन्होंने यह भी कहा कि “मुझे मेरी बेटी वापस मिल गई है, वह ठीक है।”
उधर, आरोपी की मां भी रो-रोकर मीडिया से गुहार लगाती दिखीं। उन्होंने कहा, “हमें रात के 11 बजे बेटे के दोस्त का फोन आया कि उसे हिरासत में ले लिया गया है, पर हमें वजह नहीं बताई गई। मेरा बेटा निर्दोष है। वह इतनी दूर पढ़ाई करने आया है, ऐसा गंदा काम कभी नहीं करेगा।”
हालांकि, कोलकाता पुलिस के वकील सौरिन घोषाल ने कहा कि मेडिकल रिपोर्ट में पीड़िता के साथ ज्यादती के सबूत हैं। पुलिस ने कोर्ट में जोर देकर कहा कि यह घटना सहमति से नहीं बल्कि अपराध है।
इस बीच, IIM कलकत्ता के डायरेक्टर इन चार्ज सैबल चट्टोपाध्याय ने भी बयान जारी किया कि संस्थान पुलिस की जांच में पूरा सहयोग कर रहा है और ऐसी घटनाओं के प्रति संस्थान की “जीरो टॉलरेंस नीति” है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि इस पूरे मामले में उचित प्रक्रिया का पालन किया जाएगा और सभी संबंधित व्यक्तियों की गरिमा, सुरक्षा व गोपनीयता सुनिश्चित की जाएगी।
इस मामले ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। एक तरफ पीड़िता का शुरुआती बयान, मेडिकल रिपोर्ट और पुलिस की जांच है, तो दूसरी तरफ पिता का बयान जो पूरी कहानी को उलटता दिख रहा है। अब देखना होगा कि SIT की गहन जांच में इस सनसनीखेज केस की सच्चाई आखिर क्या निकलकर सामने आती है। फिलहाल पूरा देश इस मामले पर नजरें गड़ाए बैठा है।