मध्य प्रदेश विधानसभा में 10 मार्च से बजट सत्र का होगा आगाज, 15 दिनों के सत्र में 9 महत्वपूर्ण होंगी बैठकें; मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने की तैयारियों समीक्षा, दिए आवश्यक दिशा-निर्देश

You are currently viewing मध्य प्रदेश विधानसभा में 10 मार्च से बजट सत्र का होगा आगाज, 15 दिनों के सत्र में 9 महत्वपूर्ण होंगी बैठकें; मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने की तैयारियों समीक्षा, दिए आवश्यक दिशा-निर्देश

जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

मध्य प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर हलचल मचने वाली है, क्योंकि 10 मार्च से बजट सत्र की शुरुआत होने जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज समत्व भवन में विधानसभा के इस महत्वपूर्ण सत्र की तैयारियों की समीक्षा की। बैठक में विधानसभा के प्रमुख सचिव ए.पी. सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने बजट सत्र से जुड़ी व्यवस्थाओं की जानकारी दी। खासतौर पर राज्यपाल के अभिभाषण, बजट पेश करने के दिन की रणनीति और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गहन चर्चा की गई।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बैठक में विधानसभा परिसर की सुरक्षा व्यवस्था की भी समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि बजट सत्र के दौरान किसी भी तरह की अव्यवस्था न हो, इसलिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जाएं। इसके अलावा, बजट पेश करने के दिन विशेष रूप से विधानसभा परिसर में नियंत्रण और मीडिया प्रबंधन पर भी चर्चा की गई।

15 दिनों का सत्र, 9 महत्वपूर्ण बैठकें

राज्य सरकार ने इस बार 15 दिनों का बजट सत्र निर्धारित किया है, जिसमें कुल 9 बैठकें होंगी। सत्र की शुरुआत 10 मार्च को राज्यपाल के अभिभाषण से होगी, जिसमें वे सरकार की उपलब्धियों और आगामी योजनाओं का खाका पेश करेंगे। इसके बाद, 12 मार्च को डिप्टी सीएम और वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा सदन में मोहन सरकार का दूसरा बजट पेश करेंगे। माना जा रहा है कि यह बजट प्रदेश में आगामी वर्षों की आर्थिक और विकास नीति की दिशा तय करेगा।

वहीं, इस बार विपक्षी दलों ने सरकार को घेरने की पूरी तैयारी कर ली है। विधानसभा सचिवालय के अनुसार, विधायकों ने सरकार से कुल 2939 सवालों के जवाब मांगे हैं, जिनमें 1785 ऑनलाइन और 1154 ऑफलाइन प्रश्न शामिल हैं। इनमें 1448 तारांकित और 1491 अतारांकित प्रश्न हैं, यानी सरकार को प्रतिदिन कई मुद्दों पर जवाब देना होगा। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि विधानसभा में महंगाई, बेरोजगारी, कानून व्यवस्था और किसानों से जुड़े मुद्दों पर गरमागरम बहस हो सकती है।

इस बार विधानसभा सत्र के दौरान होली और रंगपंचमी जैसे बड़े त्योहार भी पड़ रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि सरकार ने पहले ही ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के कारण बजट सत्र की तारीख को 15 दिन आगे बढ़ा दिया था। इसे लेकर कांग्रेस पहले ही आपत्ति जता चुकी है और अब बजट सत्र के दौरान त्योहारों की वजह से विधायकों की कम उपस्थिति को लेकर भी सवाल खड़े कर सकती है। यह बजट सत्र मुख्यमंत्री मोहन यादव और उनकी सरकार के लिए एक बड़ी परीक्षा होगी। जहां सरकार विकास और जनकल्याणकारी योजनाओं पर फोकस करना चाहती है, वहीं विपक्ष बेरोजगारी, महंगाई और कानून व्यवस्था के मुद्दों पर घेरने की पूरी रणनीति बना चुका है। अब देखना यह होगा कि इस सत्र में सरकार अपने कार्यों का कितना प्रभावी बचाव कर पाती है और क्या विपक्ष अपने हमलों में सफल हो पाएगा या नहीं।

 

Leave a Reply