जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में आज मंत्रालय में मंत्रिमंडल की बैठक आयोजित की गई, जिसमें राज्य के विकास, निवेश और ऊर्जा से जुड़े कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने कैबिनेट को अपनी हालिया दुबई और स्पेन यात्रा की जानकारी दी, जिसे उन्होंने मध्यप्रदेश के लिए “ऐतिहासिक निवेश अवसर” बताया। इस यात्रा के दौरान कुल 11,119 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिससे लगभग 14,500 नए रोजगार सृजित होने की संभावना है। डॉ. यादव ने कहा कि यह यात्रा मध्यप्रदेश को वैश्विक निवेश मानचित्र पर एक नई पहचान दिलाने वाली साबित हुई।
मुख्यमंत्री ने बताया कि विदेश यात्रा के दौरान उन्होंने विशेष रूप से डेटा सेंटर्स का निरीक्षण किया और मध्यप्रदेश में विश्वसनीय, अत्याधुनिक डेटा-सुविधाएं विकसित करने की योजना पर बल दिया। इससे राज्य को ‘डेटा-सक्षम और सुरक्षित प्रदेश’ के रूप में विकसित किया जाएगा, जिसमें शोधकर्ता और नीति-निर्माता भी सक्रिय भूमिका निभाएंगे।
मंत्रिमंडल की बैठक में मानसून सत्र के दौरान प्रस्तुत किए जाने वाले अनुपूरक बजट और वित्त विधेयकों पर भी विचार हुआ, हालांकि मीडिया से चर्चा में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इन प्रस्तावों के विवरण साझा नहीं किए।
कैबिनेट में ऊर्जा क्षेत्र के लिए भी एक बड़ा फैसला लिया गया। गांधी सागर जल विद्युत गृह के आधुनिकीकरण को मंजूरी दी गई, जिस पर 464 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। 40 साल पुराने इस प्लांट को तकनीकी रूप से अपग्रेड कर इसकी क्षमता को और बेहतर किया जाएगा। इस परियोजना में राज्य सरकार की हिस्सेदारी 30% रहेगी, जबकि शेष राशि लोन के माध्यम से जुटाई जाएगी।
ऊर्जा संकट और बढ़ती बिजली दरों को लेकर भी कैबिनेट में अहम चर्चा हुई। मंत्री विजयवर्गीय ने सुझाव दिया कि आम जनता सौर ऊर्जा को अपनाकर सस्ती और सतत बिजली प्राप्त कर सकती है। उन्होंने ‘पीएम सोलर सूर्यघर योजना’ का जिक्र करते हुए कहा कि यह योजना आम नागरिकों को आत्मनिर्भर ऊर्जा उपलब्ध कराने की दिशा में बड़ा कदम है। इसके तहत उपभोक्ता न सिर्फ बिजली की लागत कम कर सकते हैं, बल्कि अतिरिक्त बिजली को ग्रिड में बेचकर आमदनी भी कर सकते हैं।
कैबिनेट बैठक में उज्जैन व्यापार मेले को लेकर भी एक बड़ा निर्णय लिया गया, जिसके तहत ऑटोमोबाइल सेक्टर को 50% छूट दी गई है। यह सुविधा ग्वालियर में पहले से लागू है और अब उज्जैन में भी व्यापारियों को इसका लाभ मिलेगा।
पर्यावरणीय दृष्टिकोण से कैबिनेट ने पचमढ़ी को ‘बायोस्फीयर रिजर्व’ घोषित करने की दिशा में भी गंभीर मंथन किया। राज्य सरकार जैव विविधता, टाइगर रिजर्व और ईको-टूरिज्म के समुचित विकास के लिए विशेष योजनाएं तैयार कर रही है, ताकि पर्यटकों को आकर्षित किया जा सके।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने खाद वितरण की स्थिति को लेकर चिंता जताई और मंत्रियों को निर्देश दिए कि वे अपने प्रभार वाले जिलों में बोनी के इस महत्वपूर्ण समय में खाद की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करें। उन्होंने नकली खाद की बिक्री पर भी सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।
धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी बैठक में महत्वपूर्ण बिंदु उठाए गए। महाकाल की हालिया सवारी के दौरान “लोक नृत्य” थीम को सराहा गया, जिसमें गुजरात के आदिवासी नृत्य की विशेष प्रस्तुति देखने को मिली। लाखों श्रद्धालुओं की उपस्थिति के बावजूद प्रशासन ने अनुशासित ढंग से भीड़ प्रबंधन का उदाहरण प्रस्तुत किया।
मुख्यमंत्री ने बताया कि स्पेन में उद्यानिकी, फल उत्पादन और कृषि क्षेत्र में अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग देखा गया, जिसे अब मध्यप्रदेश में अपनाया जाएगा। इसके लिए कृषकों के अध्ययन दल स्पेन भेजे जाएंगे। वहीं, कपड़ा उद्योग में कार्यरत अंतरराष्ट्रीय कंपनियाँ अब हरित ऊर्जा और प्राकृतिक खेती से उत्पादित वस्त्रों को प्राथमिकता दे रही हैं, जिसे देखते हुए राज्य सरकार ‘ग्रीन टेक्सटाइल’ की दिशा में विशेष पहल करेगी।
डॉ. मोहन यादव ने यह भी कहा कि रक्षाबंधन के मौके पर ‘लाड़ली बहनों’ को एक विशेष तोहफा दिया जाएगा, जिसकी जानकारी जल्द ही सार्वजनिक की जाएगी।