जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बुधवार को राजधानी स्थित बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय परिसर में 55 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले आईटी रिसोर्स सेंटर, स्टूडियो, कन्वेंशन हॉल, इंक्यूबेशन सेंटर, एग्रीकल्चर इंस्टीट्यूट और कन्या छात्रावास का भूमिपूजन किया। इस अवसर पर उन्होंने छात्रों और शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि बदलते दौर में शिक्षा को रोजगारपरक, तकनीकी और गुणवत्तापूर्ण बनाने की दिशा में प्रदेश सरकार निरंतर प्रयास कर रही है।
“नौकरी पाने वाले नहीं, रोजगार देने वाले बनें हमारे युवा”
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने विश्व पटल पर नई पहचान बनाई है। अब वह समय बीत चुका है जब भारत किसी बड़े देश के पीछे खड़ा होकर अपनी पहचान बनाता था। आज भारत आत्मनिर्भर है और दुनिया के लिए उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे तकनीक का सही उपयोग कर देश को आगे ले जाने का सपना देखें और उसे साकार करने के लिए मेहनत करें।
सीएम ने स्पष्ट कहा – “हमारे युवा सिर्फ नौकरी पाने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें।” इसके लिए सरकार हर संभव सहायता और प्रशिक्षण उपलब्ध करा रही है। इसी कड़ी में प्रदेश के विश्वविद्यालयों में कृषि संकाय की पढ़ाई भी शुरू की गई है।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि विश्वविद्यालय में सभी नए रोजगारपरक पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे और छात्रों के लिए नि:शुल्क बस सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। यह सुविधा विशेषकर उन विद्यार्थियों के लिए लाभकारी होगी जो दूरदराज से विश्वविद्यालय आते हैं।
कुलगुरु प्रो. एस.के. जैन ने बताया कि बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय को कुल 100 करोड़ रुपए के विकास कार्यों की सौगात मिली है, जिनमें से 55 करोड़ रुपए के कार्यों का भूमिपूजन इस अवसर पर किया गया। कार्यक्रम में वर्ष 2025–26 के नए विद्यार्थियों का दीक्षारंभ समारोह भी आयोजित किया गया।
भोपाल को मिल रही विकास की सौगातें
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भोपाल को हर क्षेत्र में नई पहचान मिल रही है।
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मेट्रो प्रोजेक्ट जल्द ही शुरू होने जा रहा है।
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बीईएमएल इकाई की स्थापना के साथ ही भोपाल में आधुनिक रेल कोच और हाईस्पीड कोच का निर्माण होगा।
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पर्यटन क्षेत्र में बड़ा आकर्षण जोड़ते हुए बड़ी झील में कश्मीर की तर्ज पर शिकारे चलाने की योजना है।
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भोपाल से इंदौर, जबलपुर और रीवा को जोड़ने वाले नए ग्रीन फील्ड हाईवे बनाए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पीएम मित्रा मेगा टेक्सटाइल पार्क स्थापित हो रहा है, जिससे कपास उत्पादक किसानों को वैश्विक बाजार मिलेगा और युवाओं को रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। दिल्ली में निवेशकों और उद्योगपतियों से चर्चा कर रेडीमेड गारमेंट उद्योग स्थापित करने की तैयारी चल रही है। भविष्य में मध्यप्रदेश के युवा फैशन डिजाइनिंग और गारमेंट इंडस्ट्री में देश का नेतृत्व करें, इसके लिए सरकार ठोस कार्ययोजना बना रही है।
शिक्षा क्षेत्र में नवाचार
उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश शिक्षा क्षेत्र में लगातार नवाचार कर रहा है।
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गरीब और पिछड़े छात्रों के लिए सांदीपनि विद्यालय और पीएम एक्सीलेंस कॉलेज स्थापित किए जा रहे हैं।
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अब उच्च शिक्षा में डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा दिया जाएगा।
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चिन्हित विश्वविद्यालयों में देश की विभिन्न भाषाओं को क्रेडिट सिस्टम के तहत पढ़ाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि यह पहल पूरे देश को संदेश देने वाली साबित होगी और मध्यप्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित होगा।
पीएम-उषा योजना का लाभ
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (PM-उषा) का उल्लेख करते हुए बताया कि इस योजना के तहत राज्य के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों को चरणबद्ध तरीके से वित्तीय सहायता दी जा रही है।
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प्रदेश के 38 विश्वविद्यालयों/महाविद्यालयों के लिए 565 करोड़ रुपए की स्वीकृति प्राप्त हुई है।
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केवल बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय को ही 100 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत किया गया है।
बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय में हुए इस भूमिपूजन ने साफ कर दिया है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की प्राथमिकता शिक्षा, रोजगार और तकनीक का समन्वय है। छात्रों को बेहतर अवसर मिले, युवाओं को रोजगारपरक शिक्षा दी जाए और मध्यप्रदेश नवाचार के केंद्र के रूप में देश में अग्रणी बने – यही इस पहल का उद्देश्य है।