जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शनिवार को मंत्रालय स्थित स्टेट सिचुएशन रूम से प्रदेश में हो रही वर्षा और अनंत चतुर्दशी पर्व के अवसर पर गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने कलेक्टर्स और पुलिस अधीक्षकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा करते हुए लाइव प्रदर्शन के जरिए व्यवस्थाओं की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सतर्क रहने और सभी अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए, ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके।
मुख्यमंत्री की निगरानी और दिशा-निर्देश
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उज्जैन, इंदौर, जबलपुर, रतलाम, ग्वालियर और भोपाल के कलेक्टरों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान व्यवस्थाओं की जानकारी ली। उन्होंने स्पष्ट किया कि गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन की सारी व्यवस्थाएं अपडेट और व्यवस्थित होनी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों से आग्रह किया कि पूरा अमला सजग रहे और रात देर तक यह काम सुनिश्चित करें। वर्षा की स्थिति में अतिरिक्त सावधानी बरतते हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना प्राथमिकता हो।
डॉ. यादव ने बाढ़ आपदा राहत प्रबंधन के लिए भी स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बारिश के कारण किसी भी नागरिक को परेशानी न हो, इसके लिए सभी संबंधित विभागों को समुचित तैयारी के साथ तैनात रहना होगा। उन्होंने अधिकारियों को आपदा मोचन दल को तुरंत सक्रिय रखने और प्रभावितों की सहायता मानवता और संवेदनशीलता के साथ करने के निर्देश दिए।
बैठक में शामिल वरिष्ठ अधिकारी
बैठक में राज्य के उच्च अधिकारी भी मौजूद थे। इसमें मुख्य सचिव अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव गृह शिव शेखर शुक्ला, पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना, एडीजी सिविल डिफेंस प्रज्ञा श्रीवास्तव, एडीजी इंटेलिजेंस ए. साईं मनोहर, सचिव एवं आयुक्त जनसम्पर्क डॉ. सुदाम खाड़े, और अपर सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय आलोक सिंह शामिल थे। सभी अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को व्यवस्थाओं और सुरक्षा तैयारियों की विस्तृत जानकारी दी।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्पष्ट किया कि इस वर्ष अनंत चतुर्दशी पर गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन में सुरक्षा और व्यवस्था सर्वोपरि होगी। सभी जिला प्रशासन, पुलिस और आपदा मोचन दल को निर्देश दिए गए हैं कि वे लगातार निगरानी रखें और किसी भी आपदा की स्थिति में तुरंत प्रतिक्रिया करें। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से यह भी कहा कि जनमानस को सुरक्षित रखने और राहत कार्य तेज करने में कोई कसर न छोड़ी जाए।
इस बैठक से स्पष्ट हुआ कि मध्यप्रदेश सरकार इस वर्ष वर्षा और पर्व की तैयारी को लेकर पूर्णतः सतर्क है, और नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है।