मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अनोखी पहल: अब अंगदान और देहदान करने वालों को मिलेगा राजकीय सम्मान, सरकार ने जारी किए आदेश!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

मध्यप्रदेश में एक ऐतिहासिक और मानवता को नई दिशा देने वाला निर्णय लिया गया है। अब राज्य में अंगदान और देहदान करने वाले महादानी नागरिकों के अंतिम संस्कार पर गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा। इस फैसले की औपचारिक घोषणा मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने फरवरी 2024 में AIIMS भोपाल में राज्य के पहले हृदय प्रत्यारोपण के दौरान की थी। अब सरकार ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं और सभी संभागायुक्तों, कलेक्टरों, पुलिस अधीक्षकों को इसका पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

इस निर्णय का उद्देश्य न केवल महादानियों का सार्वजनिक रूप से सम्मान करना है, बल्कि समाज में अंगदान और देहदान को लेकर सकारात्मक सोच और जागरूकता बढ़ाना भी है। सरकारी आदेश के मुताबिक, जो लोग हृदय, लिवर, गुर्दा जैसे महत्वपूर्ण अंगों का दान करते हैं या फिर देहदान करते हैं, उनके अंतिम संस्कार पर राजकीय सम्मान के रूप में गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा। यह श्रद्धांजलि उनके इस पुण्य कार्य की प्रेरणादायी मान्यता होगी।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस अवसर पर कहा था कि प्रदेश में अंग प्रत्यारोपण की चिकित्सा व्यवस्था को और मजबूत किया जाएगा। जरूरतमंद मरीजों को समय पर सहायता मिले, इसके लिए एयर एंबुलेंस और हेलीकॉप्टर सेवाओं का विस्तार किया गया है। साथ ही उन्होंने लोगों से अपील की थी कि अंगदान और देहदान को प्राथमिकता दें, क्योंकि इससे अनेक लोगों को नया जीवन मिल सकता है।

इस पहल के तहत राज्य सरकार ने यह भी आदेश दिया है कि दानदाताओं के परिजनों को हर साल दो बार – 26 जनवरी और 15 अगस्त को – जिला स्तर पर सार्वजनिक रूप से सम्मानित किया जाएगा। यह कार्य स्थानीय प्रशासन की निगरानी में किया जाएगा। इसके अलावा, इन परिवारों को आयुष्मान भारत कार्ड भी प्रदान किया जाएगा, जिससे उन्हें स्वास्थ्य सेवाओं में अतिरिक्त लाभ मिल सके।

राज्य सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि मेडिकल कॉलेजों में अंगदान और प्रत्यारोपण की सुविधाओं का भी विस्तार किया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक लोगों को इस जीवन रक्षक चिकित्सा का लाभ मिल सके।

उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने इस निर्णय को “ऐतिहासिक” बताया और कहा कि यह पहल न केवल राज्य बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणा बनेगी। अंगदान और देहदान जैसे महादान से एक नहीं, कई जीवन बचाए जा सकते हैं, और अब सरकार उन दानदाताओं को सार्वजनिक रूप से सम्मान देकर एक नई परंपरा की शुरुआत कर रही है।

हालांकि, NOTTO की 2023 रिपोर्ट बताती है कि अंगदान के मामले में मध्यप्रदेश अब तक पीछे रहा है। पूरे देश में 1,099 कैडेवर डोनेशन हुए, जिसमें तेलंगाना ने 252 दान के साथ पहला स्थान प्राप्त किया, जबकि मध्यप्रदेश में यह संख्या केवल 8 रही। ऐसे में यह निर्णय प्रदेश में जागरूकता का नया दौर शुरू कर सकता है और AIIMS भोपाल की सफलता राज्य को अंगदान के क्षेत्र में आगे ले जा सकती है।

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