जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को हरदा जिले के खिरकिया में बच्चों की शिक्षा को लेकर बड़ा ऐलान किया। उन्होंने शिक्षा का अधिकार (RTE) अधिनियम के तहत 489 करोड़ रुपए सीधे 20,652 प्राइवेट स्कूलों के खातों में ट्रांसफर किए। यह राशि उन 8 लाख 45 हजार बच्चों की फीस प्रतिपूर्ति के लिए है, जो नि:शुल्क पढ़ाई कर रहे हैं। यह पहल प्रदेश में शिक्षा को मजबूत बनाने और हर बच्चे तक स्कूल की पहुंच सुनिश्चित करने की दिशा में अहम मानी जा रही है।
सीएम के कार्यक्रम से पहले कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। पुलिस ने उन्हें रोकते हुए हिरासत में ले लिया। इसके बाद छीपाबड़ स्थित सियोन रे स्कूल में कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जहां मंच से सीएम ने बच्चों और अभिभावकों को कई बड़ी सौगातें दीं।
बच्चों के लिए किताबें होंगी सस्ती
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि अगले साल से स्कूलों की किताबें बच्चों को सस्ती दरों पर उपलब्ध कराई जाएंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हर चौथा बच्चा सरकार की मदद से प्राइवेट स्कूल में पढ़ रहा है और सरकार उसकी फीस भर रही है। सीएम ने बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा – “पढ़ाई ही आपका असली फिक्स डिपॉजिट (FD) है। आप पढ़-लिखकर आगे बढ़ें और देश का नाम रोशन करें।”
सड़क निर्माण का ऐलान
मुख्यमंत्री ने हरदा जिले को एक और सौगात दी। उन्होंने हरदा से आशापुर तक 71 किलोमीटर लंबा रोड बनाने की घोषणा की। सीएम ने कहा कि विकास कार्यों से जिले की कनेक्टिविटी और मजबूत होगी।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन, सरस्वती पूजन और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से हुई। इस मौके पर पूर्व मंत्री कमल पटेल ने स्वागत भाषण दिया। वहीं स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह और केंद्रीय राज्य मंत्री दुर्गादास उईके ने भी संबोधित किया।
सीएम ने मंच से विकास कार्यों का भूमि-पूजन और लोकार्पण किया। साथ ही, कई योजनाओं के हितग्राहियों को लाभ भी बांटे।
RTE से अब तक लाखों बच्चों को फायदा
गौरतलब है कि RTE अधिनियम के तहत प्राइवेट स्कूलों में वंचित और कमजोर वर्ग के बच्चों को 25% सीटों पर मुफ्त प्रवेश मिलता है। इस समय प्रदेश में करीब 8.5 लाख बच्चे प्राइवेट स्कूलों में नि:शुल्क पढ़ रहे हैं।
यह योजना साल 2011-12 से लागू है और अब तक 19 लाख से ज्यादा बच्चों को इसका लाभ मिल चुका है। राज्य सरकार अब तक करीब 3 हजार करोड़ रुपए की फीस प्रतिपूर्ति कर चुकी है।
क्यों खास है यह पहल?
यह कदम न केवल गरीब और वंचित परिवारों के बच्चों के लिए शिक्षा का रास्ता आसान बनाता है, बल्कि यह दिखाता है कि सरकार शिक्षा को लेकर गंभीर है। फीस की चिंता से मुक्त होकर बच्चे बेहतर तरीके से पढ़ाई कर पाएंगे और आगे बढ़ पाएंगे।