जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 अब एक महाकुंभ में बदल चुका है, जहाँ राजनीतिक दल अपनी पूरी ताकत झोंकने में जुट गए हैं। भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) ने दिल्ली की सड़कों पर चुनावी समर को जीतने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी है, वहीं कांग्रेस भी अपने दिग्गजों के साथ मैदान में उतरने के लिए तैयार है। इस चुनावी मैदान में सबसे दिलचस्प मोड़ तब आया, जब भाजपा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को दिल्ली की राजनीति की बागडोर सौंप दी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जिन्हें दिल्ली की सड़कों पर खासा प्रभावशाली माना जाता है, भाजपा के मुख्य प्रचारक के रूप में चुनावी रण में उतरे हैं। वहीं, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी इस चुनावी रण में सक्रिय रूप से शामिल हो चुके हैं।
इसी कड़ी में आपको बता दें, दिल्ली विधानसभा चुनाव के प्रचार के अंतिम दिन रविवार को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उत्तम नगर विधानसभा में बीजेपी प्रत्याशी मनोज शौकीन के समर्थन में जनसभा को संबोधित किया। इस जनसभा में डॉ. यादव ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर तीखा हमला करते हुए उन्हें “वर्तमान का रावण” करार दिया। उनके बयान ने दिल्ली की सियासी फिजाओं में एक बार फिर से उबाल ला दिया है।
“केजरीवाल हैं वर्तमान के रावण”
सीएम डॉ. मोहन यादव ने जनसभा में कहा, “जैसे रावण ने सीता माता का हरण करने के लिए सोने का झूठा हिरण बनाया था, वैसे ही केजरीवाल ने सत्ता की आड़ में झूठा प्रपंच रचकर दिल्ली की जनता को धोखा दिया है। यह वर्तमान का रावण है। इसने दिल्ली को कहां से कहां पहुंचा दिया है, जनता के दुखों को नजरअंदाज कर सत्ता की कुर्सी तक पहुंचने के लिए झूठ का सहारा लिया।”
डॉ. यादव के इस बयान से दिल्ली की सियासत में हलचल मच गई। उनका कहना था कि केजरीवाल ने सत्ता की लालच में दिल्ली के लोगों के विश्वास को तोड़ा है और अब जनता ने तय कर लिया है कि वे इसे समाप्त करेंगे।
“कांग्रेस के बाद अब आप ने दिखाया झूठा सपना”
सीएम यादव ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा, “अंग्रेजों के जाने के बाद कांग्रेस ने राजनीति की बागडोर संभाली और अब इस राजनीति के माहौल में आप पार्टी ने आकर झूठे सपने दिखाए हैं। जिस तरह रावण ने सीता माता के हरण के लिए झूठी माया रची, वैसे ही केजरीवाल ने दिल्ली को खतरनाक चालों में फंसाया। इनका मकसद केवल सत्ता था, दिल्ली का भविष्य नहीं।”
यादव ने केजरीवाल के शासन को लेकर कहा, “आज दिल्ली के हालात ये हैं कि कचरे के पहाड़ और गंदगी का आलम है। यमुना नदी के आंसू बह रहे हैं और केजरीवाल चुपचाप बैठे हैं। जब अयोध्या में भगवान राम मुस्करा रहे हैं, तो दिल्ली में कृष्ण कन्हैया क्यों चुप रहेंगे? दिल्ली को दुनिया की सबसे बेहतरीन राजधानी बनाना है और इसके लिए हमें ‘डबल इंजन’ वाली सरकार की जरूरत है।”
मुख्यमंत्री ने अपने व्यक्तिगत अनुभव का जिक्र करते हुए कहा, “मेरे परिवार में कभी कोई मंत्री, विधायक, या सांसद नहीं बना। मैं केवल बीजेपी के कमल के फूल पकड़े रहा और मुझे भाजपा ने मुख्यमंत्री बनाकर गौरवान्वित किया। यह इस बात का प्रतीक है कि हमारे देश में आज भी सच्ची स्वतंत्रता है।”
सीएम डॉ. मोहन यादव ने यह भी कहा कि वह चंद्रशेखर आजाद और भगत सिंह जैसे शहीदों की विचारधारा को आगे बढ़ाते हुए जनता से अपील कर रहे हैं कि वे देश की सच्ची आज़ादी को बचाने के लिए वोट दें।
डॉ. मोहन यादव के इन तीखे बयानों से दिल्ली विधानसभा चुनाव की राजनीति में नए मोड़ की शुरुआत हो गई है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी के इस आक्रामक प्रचार के बाद दिल्ली की जनता किस पार्टी को अपना समर्थन देती है।