जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
महाराष्ट्र के डिप्टी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर स्टैंडअप शो में पैरोडी सॉन्ग गाकर तंज कसने वाले कॉमेडियन कुणाल कामरा पर अब कानूनी शिकंजा कसता जा रहा है। एक मजाक, एक गाना—जिसे कॉमेडी के नाम पर कहा गया—ने भारतीय राजनीति, पुलिस प्रशासन, सोशल मीडिया और मनोरंजन उद्योग में भूचाल ला दिया है।
शिंदे को “गद्दार” कहे जाने पर कामरा के खिलाफ मुंबई समेत महाराष्ट्र के अन्य शहरों में तीन एफआईआर, तीन समन, राजनीतिक विरोध, शो कैंसिल, और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से बैन जैसी कड़ी कार्रवाइयाँ हो चुकी हैं। अब मामला बॉम्बे हाईकोर्ट पहुंच चुका है, जहाँ उन्हें 17 अप्रैल तक अंतरिम सुरक्षा दी गई है।
क्या है पूरा विवाद?
कुणाल कामरा ने एक स्टैंडअप शो में, फिल्म ‘दिल तो पागल है’ के एक गाने की पैरोडी कर डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे को “गद्दार” कहा। शो में उन्होंने शिंदे के राजनीतिक दल बदल और शिवसेना-एनसीपी के विभाजन पर तीखा व्यंग्य किया। जैसे ही यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, शिंदे समर्थकों का गुस्सा फूट पड़ा। 23 मार्च की रात, मुंबई के खार इलाके के हैबिटेट कॉमेडी क्लब में शिंदे गुट के कार्यकर्ताओं ने जमकर तोड़फोड़ की। इसके बाद 3 अप्रैल को शिवसेना नेता राहुल कनाल ने BookMyShow को लेटर लिखकर कामरा के शो की टिकट बिक्री बंद करने की मांग की। अगले ही दिन BookMyShow ने कामरा का सारा कंटेंट हटा दिया। BookMyShow ने न सिर्फ कामरा का नाम और शो हटाया, बल्कि सभी आगामी इवेंट कैंसिल कर दिए। इससे उनके चाहने वालों में नाराजगी है और सोशल मीडिया पर #IStandWithKunalKamra ट्रेंड कर चुका है।
बता दें, कुणाल कामरा के खिलाफ मुंबई के खार पुलिस स्टेशन, नासिक और जलगांव में एफआईआर दर्ज हुई हैं। मुंबई पुलिस ने उन्हें तीन बार समन जारी किया, लेकिन कामरा पेश नहीं हुए। 31 मार्च को पुलिस उनके पुराने पते पर पहुंची, जिस पर तंज कसते हुए कामरा ने लिखा— “जहां मैं दस साल से नहीं रह रहा, वहां जाकर आपके समय और पब्लिक रिसोर्स की बर्बादी है।”
1 अप्रैल को मद्रास हाईकोर्ट में पेश होकर उन्हें ट्रांजिट अग्रिम जमानत मिली। वहीं, बॉम्बे हाईकोर्ट ने उन्हें 17 अप्रैल तक सुरक्षा दी है। कामरा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर FIR रद्द करने की मांग की है, जिसमें उन्होंने कहा कि यह मामला उनके अभिव्यक्ति के अधिकार का उल्लंघन है।
एक ओर राजनीतिक वर्ग इस मामले को सम्मान और मर्यादा का उल्लंघन मानता है, तो दूसरी ओर कॉमेडी और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के पैरोकार कामरा के साथ खड़े हैं। कुणाल कामरा ने ट्वीट कर कहा –
“आज के दौर में कलाकारों के पास दो ही विकल्प हैं – या तो अपनी आत्मा बेचकर डॉलर की कठपुतली बन जाएं या फिर चुपचाप खत्म हो जाएं।”