जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में 7 और 8 अक्टूबर को राज्य सरकार की दो दिवसीय कमिश्नर-कलेक्टर कॉन्फ्रेंस आयोजित की जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में होने वाली यह बड़ी बैठक प्रदेश के विकास, प्रशासनिक सुधार और सरकारी योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन पर केंद्रित होगी।
कॉन्फ्रेंस में प्रदेश के सभी संभागायुक्त, कलेक्टर और वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। बैठक में हर जिले की प्रगति का मूल्यांकन किया जाएगा। राज्य सरकार की ओर से स्पष्ट किया गया है कि हर क्षेत्र में सरकार की प्राथमिकताओं और राज्य के विज़न 2030 के अनुरूप योजनाओं की समीक्षा होगी।
प्रत्येक विषय संयोजक को अपनी प्रस्तुति के लिए अधिकतम 20 मिनट का समय दिया जाएगा। इसमें उस सेक्टर की प्रमुख योजनाएं, जिलों की उपलब्धियां और चुनौतियों पर चर्चा की जाएगी।
सरकार उन जिलों को भी चिन्हित करेगी जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों में उल्लेखनीय काम किया है, साथ ही उन जिलों की भी समीक्षा होगी जो प्रदर्शन में कमजोर रहे हैं।
कलेक्टरों के सुझावों और नवाचारों पर रहेगा फोकस
मुख्यमंत्री कार्यालय, मुख्य सचिव और योजना विभाग मिलकर चुनिंदा कार्यक्रमों की गहराई से समीक्षा करेंगे। इस दौरान जिलों के कलेक्टर अपने स्थानीय नवाचार (innovation), योजनाओं की जमीनी स्थिति और प्रशासनिक चुनौतियों को साझा करेंगे। खास जोर इस बात पर रहेगा कि कैसे जिला, ब्लॉक और पंचायत स्तर पर जन संवाद, रोजगार सृजन और सरकारी योजनाओं की पहुंच को और प्रभावी बनाया जा सके।
पहले दिन के सत्रों में कृषि से लेकर सुशासन तक चर्चा
कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन सत्र 7 अक्टूबर की सुबह 10 बजे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और मुख्य सचिव अनुराग जैन के संबोधन से होगा। इसके बाद अलग-अलग विषयों पर आठ सत्रों में विस्तार से चर्चा होगी।
1️⃣ पहला सत्र (कृषि और संबद्ध क्षेत्र)
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संयोजक: कृषि उत्पादन आयुक्त
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विषय: कृषि, बागवानी, पशुपालन, सहकारिता और किसानों की आय बढ़ाने के उपाय
2️⃣ दूसरा सत्र (स्वास्थ्य और पोषण)
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संयोजक: प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य
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विषय: पोषण स्तर में सुधार, मातृ-शिशु स्वास्थ्य, एनएचएम योजनाएं
3️⃣ तीसरा सत्र (रोजगार और निवेश)
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संयोजक: प्रमुख सचिव उद्योग, तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास
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विषय: रोजगार के अवसर, उद्योगों को बढ़ावा और निवेश को आकर्षित करने की रणनीति
4️⃣ चौथा सत्र (शहरी विकास)
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संयोजक: अपर मुख्य सचिव, शहरी प्रशासन
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विषय: नगर निकायों की कार्यप्रणाली, साफ-सफाई, जल और आवास योजनाएं
5️⃣ पाँचवां सत्र (सुशासन और पारदर्शिता)
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संयोजक: अपर मुख्य सचिव, सामान्य प्रशासन
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विषय: ई-गवर्नेंस, राजस्व व्यवस्था, कानूनी सुधार और पारदर्शी प्रशासन
दूसरे दिन की रूपरेखा — शिक्षा, जनजातीय विकास और कानून व्यवस्था
8 अक्टूबर को सुबह 9:30 बजे मुख्य सचिव और आयुक्त जनसंपर्क की मौजूदगी में समीक्षा सत्र शुरू होगा। इसमें मुख्यमंत्री कार्यालय और वरिष्ठ अधिकारी जिलों से अपेक्षाओं पर चर्चा करेंगे।
6️⃣ छठा सत्र (शिक्षा और जनजातीय कार्य)
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संयोजक: प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा और प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य
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विषय: सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता, ड्रॉपआउट दर, और जनजातीय बच्चों की शिक्षा पर फोकस
7️⃣ सातवां सत्र (ग्रामीण विकास और अनुसंधान)
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संयोजक: प्रमुख सचिव पीएचई और जनजातीय विभाग
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विषय: ग्रामीण पेयजल योजनाएं, अनुसंधान और नवाचार
8️⃣ आठवां सत्र (कानून और प्रशासन)
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विषय: कानून व्यवस्था की समीक्षा, प्रशासनिक दक्षता और भविष्य की रणनीति
जनसंवाद और विकास दोनों पर जोर
इस कॉन्फ्रेंस का मुख्य उद्देश्य जिलों में प्रशासन को और जन-केंद्रित बनाना है। सरकार चाहती है कि योजनाएं सिर्फ कागजों तक सीमित न रहें, बल्कि जनता तक उनका असर साफ दिखे। सीएम मोहन यादव का विज़न है कि जिला प्रशासन अपने-अपने क्षेत्रों में सशक्त और संवेदनशील शासन का उदाहरण बने।