भोपाल में फिर लौटेगा सीपीए: अब मेट्रोपॉलिटन एरिया डेवलपमेंट की जिम्मेदारी सम्भालेगा, मुख्यमंत्री की मंजूरी बाकी; 2022 में बंद हुआ था CPA!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

भोपाल में राजधानी परियोजना प्रशासन (Capital Project Administration – CPA) को लेकर लंबे समय से चल रही असमंजस की स्थिति अब लगभग साफ हो गई है। सरकार ने संकेत दिए हैं कि सीपीए को फिर से शुरू किया जाएगा, लेकिन इस बार इसका स्वरूप और दायरा पहले से अलग होगा। अब इसे भोपाल मेट्रोपॉलिटन एरिया के विकास की जिम्मेदारी दी जा सकती है। अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को लेना है।

सीपीए कब और क्यों बना?

  • सीपीए का गठन 1 जून 1960 को आवास एवं पर्यावरण विभाग के तहत किया गया था।

  • इसका मुख्य उद्देश्य राजधानी भोपाल को योजनाबद्ध तरीके से विकसित करना था।

इसी के अंतर्गत मंत्रालय, सतपुड़ा, विंध्याचल, भारत भवन, शौर्य स्मारक, ट्राइबल म्यूजियम, मानव संग्रहालय, टीटी नगर स्टेडियम, वीआईपी रोड समेत कई बड़े प्रोजेक्ट बनाए गए। साथ ही प्रियदर्शिनी, चिनार, मयूर और प्रकाश तरण पुष्कर जैसे बड़े पार्क भी सीपीए की योजना का हिस्सा थे।

कैसे बंद हुआ सीपीए?

20 अगस्त 2021 को तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राजधानी की सड़कों की खराब स्थिति को लेकर अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली। बैठक में यह सामने आया कि सड़क निर्माण और रखरखाव की जिम्मेदारी कई एजेंसियों में बंटी हुई है। शिवराज सिंह चौहान ने उसी समय कहा कि इतनी एजेंसियों की जरूरत नहीं है और सीपीए को तुरंत बंद किया जाए।
इसके बाद 3 मार्च 2022 को कैबिनेट में इसे बंद करने का फैसला हुआ और 31 मार्च 2022 को सीपीए पूरी तरह समाप्त कर दिया गया।

दोबारा शुरू करने की कवायद कैसे हुई?

  • 2023 में विधानसभा चुनाव के बाद नई सरकार बनी और मुख्यमंत्री बने डॉ. मोहन यादव।

  • पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री कृष्णा गौर ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर सीपीए को पुनः शुरू करने की मांग की।

  • उन्होंने कहा कि सीपीए के पुनर्गठन से राजधानी के पार्कों और फॉरेस्ट एरिया का बेहतर विकास हो सकेगा।

  • इसके बाद मुख्यमंत्री ने इसे सीएम मॉनिट में डाला और अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी।

पिछले साल अगस्त में डॉ. मोहन यादव ने केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात कर सीपीए को फिर से शुरू करने और इसके लिए केंद्र सरकार से आर्थिक व तकनीकी सहयोग की मांग भी की।

एक साल से फाइल इधर-उधर

  • 30 अगस्त 2024 को सीपीए को फिर से शुरू करने की घोषणा हुई।

  • 6 नवंबर 2024 को नगरीय प्रशासन ने कैबिनेट नोट तैयार कर भेजा।

  • कई दौर की टिप्पणियों और विभागीय विचार-विमर्श के बाद 2 सितंबर 2025 को नगरीय प्रशासन विभाग ने सीपीए को शुरू करने का अंतिम प्रस्ताव मुख्यमंत्री कार्यालय भेज दिया।

मेट्रोपॉलिटन रीजन में नई भूमिका

भोपाल मेट्रोपॉलिटन रीजन एक्ट विधानसभा से पास हो चुका है। इसके तहत मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी और मेट्रोपॉलिटन प्लानिंग कमेटी का गठन होना है।

इन संस्थाओं का काम होगा—

  • सड़क, रेलवे, मेट्रो रेल, एयरपोर्ट, जलमार्ग और पब्लिक ट्रांसपोर्ट से जुड़े प्रस्ताव तैयार करना।

  • पेयजल आपूर्ति, जल निकासी, बिजली और लैंडफिल साइट जैसी शहरी सुविधाओं की योजना बनाना।

  • औद्योगिक क्षेत्रों और पार्कों का विकास करना।

  • पर्यावरणीय दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों की सुरक्षा करना।

ऐसे में सीपीए को एक डेवलपमेंट एजेंसी की तरह इन योजनाओं के क्रियान्वयन में जोड़ा जा सकता है।

अगला कदम

मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद यह प्रस्ताव कैबिनेट में जाएगा। कैबिनेट की हरी झंडी मिलने के बाद सीपीए को नया सेटअप तैयार करने और कामकाज शुरू करने में करीब 8 महीने का समय लगेगा।

पुराने सीपीए में एक प्रशासक, उप प्रशासक, सुप्रिंटेंडेंट इंजीनियर, तीन एक्जीक्यूटिव इंजीनियर और एक डीएफओ समेत दर्जनों अधिकारी-कर्मचारी थे। अब सरकार को यह तय करना होगा कि क्या सीपीए को फिर से वही जिम्मेदारियां (सड़क और पार्कों का रखरखाव, सरकारी भवनों की देखरेख) दी जाएंगी या फिर इसे केवल मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट एजेंसी के रूप में सीमित रखा जाएगा।

इमेजेस से मिली जानकारी

  1. CPA की शुरुआत और योगदान – 1960 में गठन, मंत्रालय और अन्य बड़े भवनों व पार्कों का निर्माण।

  2. काम का बंटवारा – पीडब्ल्यूडी को बिल्डिंग-रोड, वन विभाग को पार्क व हरियाली और गैस राहत विभाग को संबंधित कार्य दिए गए।

  3. पुनर्गठन की प्रक्रिया – अगस्त 2024 से सितंबर 2025 तक प्रस्ताव और फाइल की आवाजाही।

  4. मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी – सड़क, मेट्रो, जल आपूर्ति, औद्योगिक पार्क और पर्यावरण संरक्षण जैसे कामों की योजना।

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