25 फरवरी को फाल्गुन माह का पहला प्रदोष व्रत, शिव आराधना से पूरी होंगी सभी मनोकामनाएँ; दूर होंगी आर्थिक तंगी और जीवन की परेशानियाँ

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

हिंदू धर्म में हर मास की त्रयोदशी तिथि भगवान शिव के लिए समर्पित है। यह दिन विशेष रूप से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का है। फाल्गुन माह का पहला प्रदोष व्रत इस बार 25 फरवरी को होगा, और खास बात यह है कि यह व्रत मंगलवार को पड़ने के कारण इसे भौम प्रदोष व्रत कहा जाएगा। इस दिन शिव पूजा आप 6 बजकर 18 मिनट से रात 8 बजकर 49 मिनट के बीच कर सकते हैं. इस समय प्रदोष काल है.

प्रदोष व्रत का धार्मिक महत्व

शास्त्रों के अनुसार, इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से आर्थिक तंगी से मुक्ति, सुख-समृद्धि, और जीवन में सफलता मिलती है। भगवान शिव की कृपा से हर मनोकामना पूरी होती है, और जीवन की सभी परेशानियाँ दूर होती हैं। खासतौर पर इस दिन कर्ज से मुक्ति के लिए व्रत करना बहुत शुभ माना जाता है।

कैसे करें प्रदोष व्रत की पूजा?

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और सूर्यदेव को अर्घ्य देकर व्रत का संकल्प लें।
  • शिवलिंग का पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, और गंगाजल) से अभिषेक करें।
  • भगवान शिव पर बेल पत्र, सफेद फूल, धूप, दीप, अक्षत और जल अर्पित करें।
  • प्रदोष व्रत की कथा का पाठ करें और शिव चालीसा का पाठ जरूर करें।
  • शिव जी की आरती करें और रात्रि के पहले प्रहर में उपासना के बाद व्रत का पारण करें।

भौम प्रदोष व्रत से लाभ

भगवान शिव की कृपा से धन-संपत्ति में वृद्धि होती है।
कर्ज से मुक्ति और आर्थिक तंगी दूर होती है।
जीवन की हर बाधा और संकट समाप्त हो जाते हैं।
पारिवारिक जीवन में शांति और सौभाग्य आता है।

विशेष उपाय:
इस दिन गुड़, मसूर की दाल, लाल वस्त्र और तांबे का दान करने से सौ गौदान के बराबर पुण्य फल प्राप्त होता है।

जो भी भक्त इस दिन सच्चे मन से भगवान शिव की उपासना करता है, उसकी हर मनोकामना पूर्ण होती है। तो इस प्रदोष व्रत पर, भगवान शिव की कृपा पाने के लिए पूरी श्रद्धा के साथ ओम नमः शिवाय का जाप करें और शिव भक्ति में लीन हो जाएँ।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. जनतंत्र इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

 

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