इंदौर में पहली बार किसी पार्षद की होगी बर्खास्तगी, लव जिहाद केस में आरोपी अनवर कादरी को हटाने का प्रस्ताव पारित; भाजपा का बड़ा ऐलान – ‘अपराधी निगम परिषद में स्वीकार्य नहीं’

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

इंदौर नगर निगम में सोमवार को एक बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम देखने को मिला। भाजपा पार्षद दल की बैठक में लव जिहाद फंडिंग केस में फंसे कांग्रेस पार्षद अनवर कादरी को हटाने का प्रस्ताव पास कर दिया गया। बैठक में नगर अध्यक्ष सुमित मिश्रा, महापौर पुष्यमित्र भार्गव और सभी भाजपा पार्षद मौजूद थे। इस प्रस्ताव के पारित होने के बाद कादरी की पार्षदी खत्म होना तय माना जा रहा है।

भाजपा ने दी सख्त चेतावनी – “अपराधी निगम परिषद में स्वीकार्य नहीं”

भाजपा नगर अध्यक्ष सुमित मिश्रा ने बताया कि पार्टी ने आने वाले नगर निगम सम्मेलन को लेकर सभी पार्षदों को व्हिप जारी किया है और उस दिन की उपस्थिति अनिवार्य कर दी गई है। उन्होंने कहा —

“यह सम्मेलन इतिहास में दर्ज होने जा रहा है, क्योंकि इंदौर में पहली बार किसी पार्षद को बर्खास्त करने की कार्रवाई परिषद में की जाएगी।”

मिश्रा ने स्पष्ट कहा कि यह कदम केवल राजनीति नहीं, बल्कि देश की महिलाओं के सम्मान से जुड़ा मामला है। उन्होंने कहा कि लव जिहाद जैसे गंभीर मामलों में शामिल व्यक्ति को निगम परिषद में रहने की अनुमति नहीं दी जा सकती।

महापौर ने पहले ही संभागायुक्त को भेजा था पत्र

दरअसल, पार्षद अनवर कादरी के खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया जून माह से ही शुरू हो गई थी। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने 20 जून को संभागायुक्त दीपक सिंह को पत्र लिखकर कादरी की पार्षदी समाप्त करने की सिफारिश की थी।
पत्र में कहा गया था कि कादरी के खिलाफ एफआईआर दर्ज है, उनकी आपराधिक पृष्ठभूमि को देखते हुए उन्हें पद से हटाना आवश्यक है।

लव जिहाद फंडिंग का चौंकाने वाला आरोप

मामला उस वक्त सुर्खियों में आया जब जून 2024 में एक वीडियो सामने आया, जिसमें दो युवकों ने चौंकाने वाला खुलासा किया था। उनका दावा था कि पार्षद अनवर कादरी ने उन्हें पैसे देकर कहा था कि वे हिंदू महिलाओं को फंसाकर धर्म परिवर्तन और वेश्यावृत्ति में धकेलें। वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने तुरंत केस दर्ज किया और जांच शुरू कर दी।

तीन महीने तक फरार रहे कादरी, बेटी भी हुई गिरफ्तार

जांच में कादरी का नाम सामने आते ही वे फरार हो गए। पुलिस ने इंदौर, दिल्ली सहित कई शहरों में दबिश दी, लेकिन वह हाथ नहीं लगे। इस बीच पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी पर 40 हजार रुपये का इनाम भी घोषित कर दिया। इसी मामले में कादरी की बेटी आयशा को भी गिरफ्तार किया गया, क्योंकि उस पर पिता को छिपाने में मदद करने का आरोप था। हालांकि, बाद में उसे जमानत मिल गई।

करीब तीन महीने फरार रहने के बाद 29 अगस्त को अनवर कादरी ने जिला अदालत में सरेंडर कर दिया था।

अब निगम परिषद में होगी अंतिम कार्रवाई

भाजपा ने साफ कर दिया है कि अनवर कादरी को अब परिषद में रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी। अगले नगर निगम सम्मेलन में उनके खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई औपचारिक रूप से की जाएगी। राजनीतिक हलकों में इसे भाजपा का एक सख्त संदेश माना जा रहा है कि पार्टी किसी भी तरह के धार्मिक या आपराधिक विवाद में फंसे जनप्रतिनिधि को बख्शने के मूड में नहीं है

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