“गुड गवर्नेंस से ग्रेट रिजल्ट” — मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने लोक सेवकों से कहा: समर्पण और ईमानदारी से करें मध्यप्रदेश के समग्र विकास का कार्य; अधिकारियों से कहा — फील्ड में जाएं, जनता से संवाद करें!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश के सभी लोक सेवकों से कहा कि वे पूरे समर्पण, लगन और ईमानदारी के साथ मध्यप्रदेश के समग्र और समावेशी विकास के लिए काम करें। उन्होंने कहा कि शासन की कल्याणकारी योजनाएं तभी सार्थक होंगी जब उनका लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक शीघ्रता से पहुंचे। मुख्यमंत्री मंगलवार को कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में आयोजित कलेक्टर्स-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस के शुभारंभ अवसर पर अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे।

“जनता का विश्वास हमारी सबसे बड़ी पूंजी”

मुख्यमंत्री ने कहा कि शासन का अंतिम लक्ष्य समाज के हर वर्ग तक विकास और कल्याण की रोशनी पहुँचाना है। “राज्य सरकार सबके साथ, सबके लिए खड़ी है। जनता में यह भरोसा पैदा करना कि सरकार उनके लिए संवेदनशील है, यही सुशासन की असली पहचान है,” उन्होंने कहा। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से जनता के साथ आत्मीय संवाद बनाए रखने और शासन की योजनाओं को तेज़ी से ज़मीन तक पहुंचाने की बात कही।

शासन व्यवस्था को और पारदर्शी और जवाबदेह बनाने पर जोर

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कॉन्फ्रेंस का उद्देश्य यह तय करना है कि शासन प्रणाली को कैसे और अधिक सरल, पारदर्शी और जनकेंद्रित बनाया जाए। उन्होंने कहा कि फील्ड में तैनात अधिकारी अपने काम और नवाचार से अपनी पहचान बनाएं। किसी भी मुद्दे पर तथ्यात्मक और दक्षता के साथ बात रखें। जनता और जनप्रतिनिधियों के बीच निरंतर संवाद बनाकर रखें।

“परमात्मा ने अगर हमें समाज की सेवा का अवसर दिया है, तो हमें इसे विनम्र विद्यार्थी की तरह निभाना चाहिए। हर दिन कुछ नया सीखें, नई सोच लाएं और उसका लाभ समाज को दें।” – मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

“गुड गवर्नेंस से ग्रेट रिजल्ट” की दिशा में बढ़ने का आह्वान

मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र में हर अधिकारी की भूमिका बेहद अहम है। “गुड गवर्नेंस से ही ग्रेट रिजल्ट मिलते हैं,” उन्होंने कहा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘परफॉर्म, रिफॉर्म और ट्रांसफॉर्म’ मंत्र को आत्मसात करने का आह्वान किया और कहा कि इसी दिशा में आगे बढ़कर “विकसित और आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश” का निर्माण किया जा सकता है।

कृषि, शिक्षा और सिंचाई को बताया विकास की रीढ़

मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि प्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। आज मध्यप्रदेश दाल, मसाले और टमाटर उत्पादन में देश में प्रथम स्थान पर है, जबकि गेहूं, मक्का और मिर्च में दूसरा स्थान रखता है। उन्होंने कहा कि राज्य अब दुग्ध उत्पादन में “मिल्क कैपिटल ऑफ इंडिया” बनने की दिशा में अग्रसर है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि सिंचाई परियोजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन पर विशेष ध्यान दें, ताकि किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य पूरा हो सके।

शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रत्येक बच्चे को गुणवत्तापूर्ण, रोजगारोन्मुख और मूल्य-आधारित शिक्षा देना प्राथमिकता है। “हमारा लक्ष्य केवल साक्षरता नहीं, बल्कि हर बच्चे का विद्यालय में नामांकन सुनिश्चित करना है,” मुख्यमंत्री ने कहा।

“फील्ड में रहें सक्रिय, जनता से संवाद बनाए रखें”

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे लगातार क्षेत्रीय भ्रमण करें, गांवों में रात्रि विश्राम करें, और स्कूल, आंगनवाड़ी, राशन दुकान व अस्पतालों का औचक निरीक्षण करें। उन्होंने कहा कि जनसुनवाई प्रणाली को और प्रभावी बनाया जाए, ताकि आम लोगों की समस्याओं का तुरंत समाधान हो सके।

मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया की भूमिका पर भी जोर दिया और कहा कि प्रशासनिक अधिकारी सोशल मीडिया पर आने वाली नकारात्मक खबरों का तत्काल खंडन करें और शासन की योजनाओं की सकारात्मक जानकारी जनता तक पहुंचाएं।

सिंहस्थ 2028: प्रदेश की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पहचान को दुनिया के सामने लाने का अवसर

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सिंहस्थ 2028 मध्यप्रदेश के लिए आध्यात्मिक, धार्मिक और सांस्कृतिक समृद्धि को विश्व स्तर पर प्रदर्शित करने का सुनहरा मौका है। उन्होंने सभी जिलों के अधिकारियों से कहा कि अपने-अपने जिलों में धार्मिक स्थलों के सौंदर्यीकरण और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण पर विशेष ध्यान दें।
“यह अवसर न केवल हमारी संस्कृति को विश्व मंच पर ले जाएगा, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार और अर्थव्यवस्था के नए अवसर भी बनाएगा,” उन्होंने कहा।

“सकारात्मक सोच और नवाचार से आगे बढ़े मध्यप्रदेश”

मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी दो दिन की यह कॉन्फ्रेंस प्रदेश की 8 करोड़ जनता के भविष्य के लिए निर्णायक सिद्ध होगी। उन्होंने विश्वास जताया कि प्रदेश के अधिकारी अपनी मेहनत और प्रतिबद्धता से सुशासन और विकास में मध्यप्रदेश को अग्रणी राज्य बनाएंगे।

मुख्य सचिव ने दिया ‘विकसित मध्यप्रदेश @2047’ विजन पर फोकस

मुख्य सचिव अनुराग जैन ने कहा कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में “विकसित मध्यप्रदेश @2047” का विजन प्रधानमंत्री मोदी के ‘विकसित भारत’ लक्ष्य से प्रेरित है। उन्होंने बताया कि विजन डॉक्यूमेंट जल्द लॉन्च किया जाएगा, जिसका लक्ष्य सम्पन्न, सुखद और सांस्कृतिक मध्यप्रदेश का निर्माण है। उन्होंने कहा कि महाकाल लोक परियोजना से उज्जैन में अब तक 7 करोड़ से अधिक पर्यटक आए हैं, जिससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई गति मिली है।

मुख्य सचिव ने यह भी बताया कि शासन की प्राथमिकताओं पर निगरानी और फॉलोअप के लिए हर माह दो बार वर्चुअल कॉन्फ्रेंस आयोजित की जाएगी। उन्होंने कहा कि फील्ड अधिकारियों को जनता के बीच संवेदनशीलता के साथ संवाद बनाए रखना चाहिए और आधुनिक तकनीक व नवाचारों को अपनाकर बेहतर परिणाम देना चाहिए।

कॉन्फ्रेंस में वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन संजय कुमार शुक्ला, सभी प्रमुख सचिव, कमिश्नर, कलेक्टर्स, जिला पंचायत सीईओ सहित राज्य शासन के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

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