मध्यप्रदेश में 15 और 16 जून को भारी बारिश का अलर्ट: एक तरफ झुलसाने वाली गर्मी, दूसरी ओर तूफानी बारिश का खतरा; 43 दिन की बारिश का रिकॉर्ड भी टूटा!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

मध्यप्रदेश में मौसम का मिज़ाज लगातार पलट रहा है। जून की तपती गर्मी के बीच अब भारी बारिश और आंधी-तूफान का ख़तरा गहराता जा रहा है। 15 और 16 जून को प्रदेश के दक्षिणी हिस्सों—पांढुर्णा, छिंदवाड़ा, बालाघाट, मंडला, डिंडोरी, अनूपपुर और खंडवा—में ढाई से साढ़े चार इंच तक बारिश की चेतावनी जारी की गई है। मौसम विभाग का कहना है कि इन्हीं दो दिनों में दक्षिण-पश्चिम मानसून भी मध्यप्रदेश में प्रवेश करेगा।

इससे पहले 14 जून को प्रदेश के आधे से ज़्यादा हिस्सों में आंधी और गरज-चमक के साथ बारिश के आसार हैं, जबकि शुक्रवार को उज्जैन, सागर, ग्वालियर-चंबल संभाग के 12 ज़िलों में लू (Heatwave) का अलर्ट जारी किया गया है। यानी, दिन में जहां पारा 45 डिग्री तक चढ़ रहा है, वहीं रात में मौसम तेजी से करवट ले रहा है।

गर्मी भी रिकॉर्ड तोड़, बारिश भी

गुरुवार को प्रदेश के 22 से अधिक शहरों में तापमान 40 डिग्री के पार रहा। सबसे गर्म छतरपुर जिले के खजुराहो में तापमान 45.8 डिग्री दर्ज किया गया। वहीं नौगांव, ग्वालियर, उज्जैन, टीकमगढ़, शिवपुरी, सतना, सीधी, रतलाम, दमोह, और अन्य जिलों में भी तापमान 43 से 45 डिग्री के बीच रहा। इसके बावजूद, बुरहानपुर, बैतूल, रतलाम, भोपाल, उज्जैन, धार, सागर, नर्मदापुरम, गुना, शाजापुर, विदिशा, हरदा सहित कई ज़िलों में रात में तेज़ आंधी और बारिश देखने को मिली।

43 दिन तक लगातार बारिश का रिकॉर्ड

प्रदेश में इस बार एक और चौंकाने वाला रिकॉर्ड बना है—लगातार 43 दिन तक बारिश या आंधी का सिलसिला26 अप्रैल से 7 जून तक मध्यप्रदेश में कहीं न कहीं बारिश या तेज़ हवाएं चलीं। 44वें दिन यह सिलसिला थोड़ी देर के लिए थमा, लेकिन अगले ही दिन फिर से बारिश और आंधी लौट आई। मौसम विभाग के मुताबिक, ऐसा पहली बार हुआ है जब गर्मी के बीच इतनी लंबी अवधि तक वायुमंडलीय हलचलें बनी रहीं।

मौसम का ऐसा क्यों है मिज़ाज?

इस मौसम के पीछे कई वैज्ञानिक कारण हैं। वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. सुरेंद्रन के मुताबिक, मई के पहले सप्ताह से लेकर जून तक प्रदेश में लगातार साइक्लोनिक सर्कुलेशन, वेस्टर्न डिस्टर्बेंस और ट्रफ लाइन जैसे सिस्टम सक्रिय रहे। इसी वजह से गर्मी के बजाय आंधी और बारिश का प्रभाव ज़्यादा देखने को मिला। मानसून की देरी के बावजूद यह सिस्टम लगातार सक्रिय रहा।

इस साल मानसून ने अभी तक मध्यप्रदेश में कदम नहीं रखा है। पिछले 15 दिनों से वह महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में एक ही जगह पर अटका हुआ है। लेकिन अब मौसम विभाग का कहना है कि 14-15 जून के आसपास मानसून प्रदेश में प्रवेश कर सकता है। आमतौर पर मध्यप्रदेश में मानसून 15 जून को आता है, जबकि पिछले साल यह 21 जून को पहुंचा था।

मानसून की एंट्री के साथ ही प्रदेश के कई ज़िलों में भारी बारिश का सिलसिला शुरू हो सकता है, जिससे गर्मी से राहत तो मिलेगी, लेकिन बिजली गिरने, तेज़ आंधी, और जलभराव जैसी चुनौतियाँ भी सामने आ सकती हैं।

किन ज़िलों में कैसा अलर्ट?

  • लू (Heatwave) का अलर्ट: ग्वालियर, श्योपुर, भिंड, मुरैना, दतिया, शिवपुरी, टीकमगढ़, छतरपुर, नीमच, मंदसौर, गुना, अशोकनगर

  • गरज-चमक और बारिश की संभावना: भोपाल, उज्जैन, झाबुआ, अलीराजपुर, धार, बड़वानी, खरगोन, बैतूल, हरदा, खंडवा, बुरहानपुर, छिंदवाड़ा, मंडला, बालाघाट

  • भारी बारिश (15-16 जून): पांढुर्णा, बालाघाट, मंडला, डिंडोरी, अनूपपुर, खंडवा

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