चेस वर्ल्ड कप में भारतीय महिला खिलाड़ियों का ऐतिहासिक प्रदर्शन, दिव्या देशमुख और कोनेरू हम्पी सेमीफाइनल में पहुँचीं

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

भारतीय शतरंज इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया है, जहां पहली बार दो भारतीय महिला खिलाड़ी एक साथ FIDE विमेंस वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में पहुँची हैं। जॉर्जिया के बटुमी में आयोजित इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में कोनेरू हम्पी और दिव्या देशमुख ने अद्वितीय खेल भावना और रणनीतिक कौशल का प्रदर्शन करते हुए सेमीफाइनल में जगह बना ली है।

सोमवार को खेले गए रोमांचक क्वार्टर फाइनल मुकाबले में युवा ग्रांडमास्टर दिव्या देशमुख ने अनुभवी हमवतन हरिका द्रोणावल्ली को कड़े संघर्ष में मात दी। दोनों क्लासिकल मुकाबले ड्रॉ रहने के बाद टाई-ब्रेक का सहारा लिया गया, जहां दिव्या ने लगातार दो जीत दर्ज कर न केवल मैच अपने नाम किया, बल्कि पहली बार वर्ल्ड कप के अंतिम चार में प्रवेश कर लिया। अब सेमीफाइनल में उनका सामना चीन की दिग्गज खिलाड़ी तान झोंगयी से होगा।

इससे एक दिन पहले, रविवार को कोनेरू हम्पी ने चीन की सॉन्ग युक्सिन को हराकर वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में प्रवेश करने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनने का गौरव हासिल किया था। हम्पी ने पहले गेम में जीत दर्ज की, जबकि दूसरा गेम ड्रॉ रहा। अब वह सेमीफाइनल में चीन की एक और मजबूत खिलाड़ी लेई टिंगजी के विरुद्ध खेलेंगी।

भारत के लिए यह टूर्नामेंट और भी खास रहा, क्योंकि पहली बार चार महिला खिलाड़ी—कोनेरू हम्पी, हरिका द्रोणावल्ली, आर. वैशाली और दिव्या देशमुख—ने क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई। यह न केवल भारत में महिला शतरंज की बढ़ती शक्ति को दर्शाता है, बल्कि आने वाले वर्षों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की बढ़ती दावेदारी का संकेत भी देता है।

हालांकि, क्वार्टर फाइनल में आर. वैशाली को तान झोंगयी के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा। इससे पहले वैशाली ने कजाकिस्तान की मेरुएर्त कमालिदेनोवा को हराकर अंतिम आठ में प्रवेश किया था।

भारतीय शतरंज प्रेमियों के लिए यह क्षण गर्व और उत्साह से भरा है। जहां अनुभवी कोनेरू हम्पी अपने अनुभव और संतुलित खेल के दम पर आगे बढ़ रही हैं, वहीं दिव्या देशमुख जैसी युवा प्रतिभाएं यह दिखा रही हैं कि भारत का भविष्य भी उतना ही उज्ज्वल है।

अब पूरी देश की नजरें सेमीफाइनल मुकाबलों पर हैं, जहां ये दोनों खिलाड़ी न केवल भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी, बल्कि इतिहास रचने का भी सुनहरा अवसर उनके सामने है।

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