जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्य प्रदेश के सैलाना से “झोपड़ी वाले विधायक” के नाम से मशहूर विधायक कमलेश्वर डोडियार को पुलिस ने बुधवार को गिरफ्तार कर लिया। दरअसल, 5 दिसंबर को रतलाम जिला अस्पताल में हुए विवाद और उसके बाद के घटनाक्रमों के विरोध में विधायक डोडियार आज अपने समर्थकों के साथ रतलाम में धरना दे रहे थे। जैसे ही दोपहर 1 बजे डोडियार रतलाम के नेहरू स्टेडियम पहुंचे, पुलिस ने 15 समर्थकों के साथ उन्हें हिरासत में ले लिया।
दरअसल, कुछ दिनों पहले विधायक कमलेश्वर डोडियार अपने पीएसओ और साथियों के साथ एक मरीज को देखने रतलाम के जिला अस्पताल पहुंचे। इस दौरान उनकी ड्यूटी डॉक्टर से तीखी बहस हो गई। मामला इतना बढ़ गया कि दोनों पक्षों के बीच गाली-गलौज तक हो गई। अस्पताल के स्टाफ और पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा।
घटना के बाद दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराई। विधायक के खिलाफ डॉक्टर एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ है, जबकि डॉक्टर पर अनुसूचित जाति-जनजाति अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया।
वहीं, इस विवाद के विरोध में कमलेश्वर डोडियार ने महा आंदोलन का आह्वान किया था। हालांकि प्रशासन ने उन्हें धरने की अनुमति नहीं दी थी, फिर भी विधायक ने नेहरू स्टेडियम में धरना देने का फैसला किया, जिसके कारण उनकी गिरफ्तारी हुई। विधायक डोडियार ने मुख्य सचिव, डीजीपी, कलेक्टर और एसपी को पत्र लिखकर नेहरू स्टेडियम में सभा करने की अनुमति मांगी थी और इसे रिकॉर्ड करने के लिए उच्च गुणवत्ता के 20 कैमरे, 500 बॉडी कैमरे और ड्रोन कैमरों की मांग की थी।
बता दें, एमपी-राजस्थान सहित 4 राज्यों के आदिवासी नेता कमलेश्वर डोडियार के आंदोलन का समर्थन करने रतलाम पहुंचे थे। वहीं, विधायक की गिरफ्तारी ने आदिवासी समाज में उबाल ला दिया है। राजस्थान के उदयपुर से आए एक आदिवासी नेता ने कहा, “एमपी पुलिस आदिवासियों की आवाज दबाने की कोशिश कर रही है। हमारे जनप्रतिनिधियों का अपमान किया जा रहा है।” साथ ही, घटना में कारणी सेना ने भी एंट्री ली है और घटना का वीडियो वायरल कर विधायक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन ने कार्रवाई नहीं की, तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
विधायक की गिरफ्तारी के बाद अब यह मुद्दा और भी गर्म हो गया है, और आने वाले दिनों में इसके और ज्यादा तूल पकड़े जाने की संभावना जताई जा रही है।